For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्मान (लघुकथा)

बड़े साहिब राज्य स्तरीय साहित्य सम्मान प्राप्त कर बेहद प्रसन्न थे. कार्यलय पहुँचते ही उन्होनें अपने स्टेनो को बुलाया और कई हफ़्तों से लंबित उसकी लोन की फाइल क्लीयर की तथा साथ ही उसकी पन्द्रह दिन की छुट्टी की अर्जी भी मंजूर कर दी। जाते समय उन्होनें स्टेनो को एक और बढि़या सी कहानी लिखने का आदेश दिया।

Views: 660

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 2, 2014 at 11:31am

बहुत ही बढ़िया लघुकथा. सच! कुछ ही शब्दों में बहुत खूबी से आपने, एक सच्चाई का चित्रण किया है. आपको बहुत -२ बधाई आदरणीय रवि जी

सादर!

Comment by Shubhranshu Pandey on October 6, 2013 at 3:48pm

आदरणीय रवि जी , सुन्दर कथा.

//उन्होनें स्टेनो को एक और बढि़या सी कहानी लिखने का आदेश दिया//

साहित्य में भी साहबी आदेश का बेजोड़ नमुना...

सादर..

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 6, 2013 at 2:23pm

वाह आदरणीय सर क्या कहने बहुत ही सुन्दर एक ही पंक्ति में किनती सुन्दर बात कह दी आपने हार्दिक बधाई स्वीकारें


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 6, 2013 at 10:09am

वाह आदरणीय रवि भाई वाह, आप तो कई कई साहबों को हमाम में खड़ा कर दिया, अच्छी लघुकथा हुई है, बहुत बहुत बधाई । 

Comment by Kapish Chandra Shrivastava on October 6, 2013 at 9:10am

आदरणीय रवि  जी , दूसरे के कन्धों पर पैर रखकर आगे बढ़ने वाले ऐसे साहित्यकारों पर आपका  गहरा व्यंग और शब्दभेदी प्रहार बहुत अच्छा लगा । बधाई । 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 6, 2013 at 7:29am

आदरणीय रवि भाई , बहुत सुन्दर लघु कथा !! अंतिम एक लाइन ने सब कह दिया !! हार्दिक बधाई !!

Comment by vandana on October 6, 2013 at 6:45am

वाह बहुत खूब ....बधाई स्वीकारें  आदरणीय रवि प्रभाकर जी...

Comment by vijay nikore on October 6, 2013 at 2:56am

अति सुन्दर प्रस्तुति...बधाई

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by Sushil.Joshi on October 6, 2013 at 2:36am

वाह अद्भुत..... एक सत्यता का बखान करती हुई प्रस्तुति...... बधाई हो आदरणीय रवि प्रभाकर जी...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 6, 2013 at 12:01am

वाह वाह ! आपने जिस लिहाज़ से लघुकथा के विधान के मर्म छुआ है वह आश्वस्त करता है. हृदय से बधाई लें अनुज रविजी. 

शुभ-शुभ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service