For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेहिसाब बरसो ......इंतज़ार

मेरे जीवन में तुम आके बरसो
आसमानी बादल बन के ना बरसो
पास आ सैलाब बन के बरसो
पुरवाई का झोंका बन के ना बरसो
प्यार की अंगार बन के बरसो
मिलन की आस बन के ना बरसो
बोसों की बौछार बनके बरसो
चांदनी बन के ना बरसो
चकोरी की प्यास बन के बरसो
उमंगों के आकाश से
एहसासों की बारात बन के बरसो
तनहाइयाँ बहुत हुईं
एक मिलन की रात बन के बरसो
अब जैसे भी बरसो ....
मगर कुछ ऐसे बरसो
कि बेहिसाब हो के बरसो !!

******************************************

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 486

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on June 9, 2015 at 10:18am

अति सुन्दर ! हार्दिक बधाई।

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 7, 2015 at 5:38am

आदरणीया rajesh kumari उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार ....सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 7, 2015 at 5:36am

आदरणीय maharshi tripathi जी बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2015 at 7:21pm

सुन्दर प्रस्तुति आ० मोहन सेठी जी,हार्दिक बधाई | 

Comment by maharshi tripathi on June 5, 2015 at 7:23pm

सुन्दर भाव अभीव्यक्ति पर सादर बधाई आ. Mohan Sethi 'इंतज़ार' जी |

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 5, 2015 at 4:21pm

आदरणीय :

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी 

Sushil Sarna जी 

krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी 

Samar kabeer जी 

आप सबका हार्दिक आभार एवं शुभकामनाएं....सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 5, 2015 at 2:23pm

अच्छे कविता है  सेठी जी , सादर

Comment by Sushil Sarna on June 5, 2015 at 1:41pm

तनहाइयाँ बहुत हुईं
एक मिलन की रात बन के बरसो
अब जैसे भी बरसो ....
मगर कुछ ऐसे बरसो
कि बेहिसाब हो के बरसो

बहुत खूब आदरणीय … दिल के अहसासों को आपने बड़ी खूबसूरती से कागज़ पर उतारा है आपने .... हार्दिक बधाई।

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 5, 2015 at 12:03pm

पूर्णता की आशा लिए सुंदर रचना! हार्दिक बधाई आ० इन्तजार सर!

Comment by Samar kabeer on June 5, 2015 at 10:53am
जनाब मोहन सेठी इंतज़ार जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service