For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - इब्न ए मरियम हैं, तो शिफ़ा करिये ( गिरिराज भंडारी )

( दूसरे शेर के ऐब ए तनाफुर को कृपया स्वीकार करें )

2122  1212   22/112

ज़ह’नियत यूँ न बरहना करिये

अपने जामे में ही रहा करिये

 

आब ठंडक ही दे हमें हरदम     

आग, गर्मी ही दे दुआ करिये

 

बेवफा हो गये हैं जो साबित    

उनसे क्या खा के अब वफ़ा करिये

 

जुगनुओं की चमक चुरायी है  

शम्स ख़ुद को न अब कहा करिये

 

सिर्फ बीमार कह के चुप न रहें

इब्न ए मरियम हैं, तो शिफ़ा करिये

 

आइना कह जिसे दिखाये , वो 

आइना था नहीं, तो क्या करिये

 

हाँ ,सदा ए  ग़ैब ही उसे समझें

चुप ! कहा है तो चुप  रहा करिये

 

आज धुँधलाते आइने ने कहा

क्यों किसी दोस्त को ज़ुदा करिये

 

हाथ में फिर चराग है मेरे

हो सके, तेज़ फिर हवा करिये

 

झड़ न जायें.., वो ज़र्द पत्ते हैं

जब छुयें, प्यार से छुवा करिये

 

ता कि, सारा जहाँ बुरा न लगे

खूबियाँ मेरी गिन लिया करिये

*****************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 1027

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:09am

आदरणीय बसंद भाई , शुभ कामनाओं के लिये आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:07am

आदरनीय तस्दीक भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया । आपकी सलाह पर गौर कर रहा हूँ ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:06am

आदरणीय नरेन्द्र भाई , सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:05am

आदरनीय आशुतोष भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:05am

आदरणीय बसंत भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:04am

आदरनीय बृजेश भाई , सराहना के लिये आभार आपका

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:03am

आदरणीय नीलेश भाई आपका बहुत आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..

Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 11, 2017 at 10:31pm

जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें आपको आदरणीय गिरिराज भंडारी जी 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 11, 2017 at 10:31pm

जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें आपको आदरणीय गिरिराज भंडारी जी 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 11, 2017 at 10:13pm

मुहतरम जनाब गिरिराज साहिब,जनम दिन बहुत बहुत मुबारक हो , अच्छी ग़ज़ल हुई है
मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ | नीलेशजी का मशवरा सही है , शेर 7 के उला मिसरे की बह्र
एक बार देख लीजिए ,(गैब की ही सदा समझ लें उसे )

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
19 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service