1
सांसारिक कर्मों संग, याद रहे प्रभु नाम।
ईश कृपा बनी रहे, बन जाएँ सब काम॥
2.
जैसा जैसा समय हो, वैसे होते काम।
चिंता काहे हम करें, मदद करें श्री राम॥
3.
कोमल तन कटि क्षीण सी, सुंदर मोहक रूप।
वेणी नागिन सी बनी, चंचल नयन अनूप ॥
4.
कर्म कमाई आपकी, बदले सब संस्कार।
अनुचित अर्जित संपदा, हो दुख का आधार॥
5.
दुर्योधन ने कब किया, मित्रोचित व्यवहार।
दिया स्वार्थवश कर्ण को, अंग राज्य उपहार॥
6
बेटी विवाहित मत करें,प्रतिदिन सीख सलाह।
बसते घर अब उजड़ते, बढ़े कलह अरु ढाह ॥
7.
मोबाइल पर दे रही ,माँ जब सीख सलाह ।
मुश्किल घर तब बसना, कैसे हो निर्वाह ॥
स्वरचित मौलिक
ओम प्रकाश शर्मा।
Comment
नमस्कार, शर्मा जी, 'सुन्दर उज्ज्वल रूप' तीसरे दोहे का सम चरण है, किन्तु मात्रा एं बारह हैं! ' बदले यहाँ संस्कार' चौथे दोहे का द्वितीय चरण, मात्राओं की संख्या तेरह है! 'मित्रोचित व्यवहार' पांचवा दोहा, द्वितीय चरण, मात्राओं की संख्या दस है! 'बेटी विवाहित मत करें' छठवें दोहे का प्रथम चरण, लेकिन चौदह मात्राएँ हैं! शर्मा जी कई स्थलों पर प्रवाह ही नहीं है! सादर
जनाब ओमप्रकाश जी आदाब, आपके दोहे अभी बहुत समय चाहते हैं, लिखना चाहते हैं, पहले भी आपकी बताया था,अगर आप दोहे लिखना चाहते हैं तो आपको इसका विधान पढ़ना होगा ।
आपने बहुत अच्छे दोहे लिखे आदरणीय सादर बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online