For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हुस्न-ए-ग़ज़ल

2 1 2 2  /  1 2 1 2  /  2 2

है ग़ज़लगोई यार की बातें

शे'र सुनना ख़ुमार की बातें

शे'र पढ़ना हसीं तरन्नुम में

जैसे हों लालाज़ार की बातें

इन जुदाई मिलन के क़िस्सों में

हैं ख़िज़ाँ और बहार की बातें

ज़िक्र नाज़-ओ-अदा का शे'रों में

मौसम-ए-ख़ुश-गवार की बातें

हैं छुपी मैकशी में साक़ी में

पाक परवरदिगार की बातें

हुस्न-ए-जानाँ झलकता लफ़्ज़ों में

जैसे अब्र-ए-बहार की बातें

शम्अ' परवाना फूल और भँवरा

हैं इशारों में प्यार की बातें

शाइ'री आईना-ए-हस्ती है

इस में हैं आर पार की बातें

शे'र कहने के फ़न में उस्तादी

हैं कठिन रहगुज़ार की बातें

इब्तिदा की जनाब-ए-’ख़ुसरो’ ने

कह के मिस्कीन-ए-ख़्वार की बातें

पहला दीवान था 'क़ुतुब शह' का

पी के मिन्नत-गुज़ार की बातें

फिर ‘वली दक्कनी’ के जलवे थे

आशिक़-ए-जाँ-निसार की बातें

‘मीर’ की सादगी में पुरकारी

फूल में पिन्हाँ ख़ार की बातें

‘ज़ौक़’ की पुख़्ता शे’र-साज़ी में

हैं किसी बद-क़िमार की बातें

और ‘ज़फर’ ने कही असीरी में

किसी उजड़े दयार की बातें

आपका रेख़्ता ‘असदुल्लाह’

हैं वली बादा-ख़्वार की बातें

‘मोमिन’-ए-मुब्तिला के शे'रों में

कोई खोये क़रार की बातें

‘दाग़’ की दिल-फ़रेब ग़ज़लें हैं

प्यार में जीत हार की बातें

जो ‘जिगर’ कह गया तरन्नुम में

इश्क़ के पासदार की बातें

ग़म में डूबी हैं ग़ज़लें ‘फ़ानी’ की

मौत के इंतिज़ार की बातें

तल्ख़-लहजा कलाम ‘साहिर’ का

जैसे दिल के ग़ुबार की बातें

‘फ़ैज़’ के इन्क़लाबी शे'रों में

हैं शहादत की दार की बातें

और 'समर' तेरे आ'ला शे'रों में

हैं किसी हक़-शिआर की बातें

मेरी ग़ज़लें बयाँ करें 'शाहिद'

इक हक़ीक़त निगार की बातें

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 769

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on November 5, 2022 at 1:43pm

आपका हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब!

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2022 at 6:57pm

वाह वाह आदरणीय रवि जी...क्या ही शानदार माला पिरोई है...

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 25, 2022 at 10:11am

आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' साहिब, आपकी सुख़न-नवाज़ी और मुबारकबाद के लिए आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:!

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on October 23, 2022 at 9:31am

मुहतरम रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब, इस बे-मिसाल और ख़ूबसूरत नज़्म की तख़्लीक़ पर तह-ए-दिल से दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाइये।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 21, 2022 at 9:41am

आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम समर कबीर साहिब, प्रणाम। आपकी दाद और आशीर्वाद पा कर मैं धन्य हुआ, सब आपकी ही मिह्रबानी है, आपका बहुत बहुत शुक्रिय:! आशा करता हूँ कि आपका स्नेह और मार्गदर्शन आगे भी हमेशा मिलता रहेगा।

Comment by Samar kabeer on October 21, 2022 at 7:17am

जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब, बहुत उम्द: नज़्म हुई है, 'अल्लाह करे ज़ोर-ए-क़लम और ज़ियादा'

इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 20, 2022 at 7:48pm

आदरणीय महेंद्र कुमार साहिब, सादर अभिवादन। सुख़न-नवाज़ी और बधाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिय:!

Comment by Mahendra Kumar on October 20, 2022 at 6:41pm

बहुत ही शानदार नज़्म हुई है आदरणीय रवि जी। दिल से ढेरों बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 20, 2022 at 9:35am

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' भाई, आपकी हौसला-अफ़ज़ाई और बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय:!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 20, 2022 at 5:35am

आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन । लाजवाब गजल हुई है । हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service