याद कर इतना न दिल कमजोर करना
आऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।
मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरी
कह दूं मैं, बस रोक दे वो शोर करना।
पंक्तियों के बीच पढ़ना आ गया है
भूल बैठा हूं मैं अब इग्नोर करना।
ये नजर अब आपसे हटती नहीं है
बंद करिए तो नयन चितचोर करना।
याद बचपन की न जाती है जेहन से
अब अखरता खुद को ही मेच्योर करना।
आज को जैसे वो जीना भूल बैठे
बस उन्हें धुन अपना कल सेक्योर करना।
जिंदगी घेरा बनाकर छोड़ देती
उम्र भर हम सीखते चौकोर करना।
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Comment
जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, मज़ाहिया ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।
'याद कर इतना न दिल कमजोर करनास
इस मिसरे में 'कर' शब्द वाक्य विन्यास को कमज़ोर कर रहा है,इसकी जगह "रख" शब्द उचित होगा, ग़ौर फ़रमाएँ ।
'कह दूं मैं, बस रोक दे वो शोर करना'
इस मिसरे का वाक्य विन्यास मुझे ठीक नहीं लगा, उचित लगे तो यूँ कर सकते हैं:-
'कह रहा हूँ रोक दे तू शोर करना'
'याद बचपन की न जाती है जेहन से'
इस मिसरे में सहीह शब्द "ज़ह्न" 21 है,,उचित लगे तो यूँ कर लें:-
ज़ह्न से जाती नहीं बचपन की यादें'
बाक़ी शुभ-शुभ ।
आदरणीय मिथिलेश जी, सादर नमस्कार! अच्छी ग़ज़ल हुई है। ख़ूब मुबारकबाद आपको। एक जिज्ञासा है - क्या ज़ेहन का वज़न 122 लिया जा सकता है?
आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।
आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।
आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online