For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतियोगिता परिणाम "चित्र से काव्य तक" अंक -५

प्रतियोगिता परिणाम "चित्र से काव्य तक" अंक -५ 

 नमस्कार साथियों,

"चित्र से काव्य तक" अंक -5 प्रतियोगिता से संबधित निर्णायकों का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | इस बार की प्रतियोगिता में निर्णय करना अत्यंत कठिन कार्य था जिसे हमारे तीनों निर्णायकों नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है |

 

प्रसन्नता का विषय है कि लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत  कुल ८२० रिप्लाई आयीं हैं जो कि संतोषजनक हैं |  जिसके अंतर्गत अधिकतर दोहा, एकादशी, कुंडली,गज़ल, घनाक्षरी, हाइकू व छंदमुक्त सहित अनेक विधाओं में रचनाएँ प्रस्तुत की गयीं | इस प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा जी , आदरणीय गणेश जी बागी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह  व आदरणीय योगराज प्रभाकर जी आदि नें अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों में परस्पर संवाद कायम रखा जो कि इस प्रतियोगिता के सफल सञ्चालन के लिए नितांत आवश्यक था | न केवल यह वरन उन्होंने तथा अपनी प्रतिक्रियाओं में दोहा, कुण्डलिया व घनाक्षरी आदि छंदों का प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर बना दिया |  पिछली बार की तरह इस बार भी भाई सौरभ जी, भाई योगराज जी, भाई बागी जी, भाई धर्मेन्द्र जी आदि सहित अन्य मित्रों नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ  पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की सीमा के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ इन सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही |   बंधुओं ! यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता  अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है........... 

 

इस यज्ञ में काव्य रूपी आहुतियाँ डालने के लिए सभी ओ बी ओ मित्रों को हृदय से बहुत-बहुत आभार...

 

प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...


प्रथम स्थान

(श्री इमरान खान)


योमे आज़ादी हमें,
ये हसीं तोहफा मिला,
आके सरहद पर गले, प्यार बहनों का मिला।

हैं घरों से दूरियाँ,
पास हैं मजबूरियाँ,
कर रहे संगीन से,
कशमकश अपनी बयाँ।
ज़ख़्मे दिल पर अब हमें,
मरहमो फाहा मिला,
आके सरहद पर गले,
प्यार बहनों का मिला।

हाथ पे राखी बँधी,
घर मुझे आया नज़र,
जोश दोबाला हुआ,
होवे दुश्मन बाख़बर।
नज़रें उठें जो मुल्क पर,
धूल में दूँगा मिला,
आके सरहद पर गले,
प्यार बहनों का मिला

 

तृतीय स्थान:

(संजय मिश्र 'हबीब' जी )


भाई रे ...भाई रे ... भाई रे ... 

आजा रेशम की डोर बाँधूं

तेरी कलाई रे..

कह तो भला  क्यों चुप सा खड़ा है

किसका गम तेरे दम से बड़ा है?
देख ले झोली भर मैं
खुशियाँ लाई रे....

अपने घर से तू दूर बहुत है

यादों का तूफां, क्रूर बहुत है
मैं भी तो हूँ तेरी
बहना की नाईं रे...

सीमा पर तू देता है पहरा,

तेरे सर है जीत का सेहरा,
देख ये बहना देती
तुझको बधाई रे...
आज लगा है खुशियों का मेला
भाई ये रिश्ता है अलबेला

मिसरी में घोल घोल

रब नें बनाई रे

द्वितीय  स्थान (संयुक्त रूप से)

(श्री दुष्यंत सेवक जी)      
सरहद की रखवाली करते
हमको ना सुधि आई
कब बीती होली दीवाली
और कब राखी आई
सुबह सुबह जब नींद खुली
तो ताकि सूनी कलाई
छुटकी तेरा सिमरन करके
ये आँखें भर आई
लेकिन मैं बडभागी हुआ जो
तू बहना यहाँ आई
बाँध सूत का प्यारा बंधन
मुझे बनाया भाई
बंदूकों, बारूद में हमने
सब खुशियाँ बिसराई
पर बहना तेरे बंधन से
खुशियाँ हुई सवाई

(डॉ० हरदीप कौर संधू जी)

राखी - हाइकू

1

राखी के तार

बँध पावन प्यार

आया है द्वार

2

रक्षा-करार

दुआओं की बौछार

गुँथा है प्यार

3

भ्राता- प्रेम को

ये प्रगाढ़ बनाए

महीन डोरी

4

रेशमी डोर

है नहीं कमजोर

नेह के छोर

5

राखी में बँधा

बहन का हृदय

मोह से भरा

6

राखी त्योहार

भाई कलाई बँधे

दिल के तार

प्रथम, द्वितीय (संयुक्त) व तृतीय स्थान के उपरोक्त चारों विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से बहुत-बहुत बधाई...

प्रथम व द्वितीय स्थान के उपरोक्त विजेता आगामी "चित्र से काव्य तक- प्रतियोगिता अंक ६" के निर्णायक के रूप में भी स्वतः नामित हो गए हैं |


अंत में हम सभी की ओर से इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जीआदरणीय ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी व आदरणीया श्रीमती वंदना गुप्ता जी  का विशेष रूप से आभार ..........

जय ओ बी ओ!

सादर:
अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष,

"चित्र से काव्य तक" समूह

ओपन बोक्स ऑनलाइन परिवार

Views: 3424

Replies to This Discussion

आदरणीय संचालक महोदय अम्बरीश जी,प्रधान संपादक महोदय श्री योगराज जी एवं सभी निर्णायकगण....सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !मैं इस परिवार से अभी जुड़ी हूँ ...और आपने इतना सम्मान दिया | मेरे पास शब्द नहीं हैं आपको धन्यवाद कहने के लिए .....
होंठ सिले हैं
धन्यवाद बोलता
दिल है मेरा
बहुत अच्छा मंच है ...बहुत कुछ नया पढ़ने को मिलता है !
सादर धन्यवाद !

हार्दिक बधाई हरदीप जी..

स्वागत है हरदीप जी, इस दिल का आभार. 
अपनेपन की छाँव दे,  ओ बी ओ परिवार..

आपका स्वागत है आदरणीया डॉ हरदीप कौर सन्धु जी! इस प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने हेतु पुनः बधाई !  

आपकी आमद हमारे लिए भी बायस-ए-फखर है डॉ हरदीप जी, कृपया स्नेह यूं ही बनाए रखें !

डॉ, साहिबा स्वागत है आपका...आशा है आप यहाँ इसी तरह सफलता प्राप्त करेंगी.

सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। बहुत अच्छा और सटीक निर्णय किया निर्णायक मण्डल ने धन्यवाद।

धन्यवाद् सुनीता जी

जनाब इमरान खान, श्री दुष्यंत सेवक, श्रीमती डॉ हरदीप कौर संधू एवं श्री संजय मिश्र हबीब जी को बहुत बहुत बधाई, तथा निर्णायक मंडल के सभी सदस्य यथा श्री सौरभ पाण्डेय जी, श्री ज्ञान चन्द्र मर्मज्ञ व् श्रीमती वंदना गुप्ता जी को शानदार निर्णय हेतु आभार और श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी को कुशल संचालन हेतु साधुवाद | 

hardik abhar admin mahoday

धन्यवाद  एडमिन  जी!

Sabhi vijetaon ko badhai. Mujhe wishwash h ki aage bhi aap log dhardar lekhni se sahitya shri me wriddhi karenge, aur naee rachnaye hm tk pahuchengi.
aabhar ashish ji

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद में चित्रानुकूल भाव ----- ब्रह्मा जी के आगे कौआ, रोया निज दुख गाया,इस जग में सब करते नफरत,…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, सौरभ साहब, आपने मेरी प्रस्तुति को संस्तुत किया, इसके लिए हृदय से आपका आभारी हूँ, श्री जी।…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपकी प्रस्तुति का स्वागत है, आदरणीयचेतन प्रकाश जी। चित्र के मर्म को आपने समझा, तदनुरूप…"
15 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद  [ छन्न पकैया ] ++++++++++++++++++   छन्न पकैया छन्न पकैया,क्वाँर मास में…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंदः श्राद्ध पितृ-पक्ष आवश्यक है, उद्धार हेतु आत्मा करें हुतात्मा के हित तर्पण, मिले उन्हें…"
21 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
Thursday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service