प्रतियोगिता परिणाम: "चित्र से काव्य तक" अंक-१५
नमस्कार साथियों,
"चित्र से काव्य तक" अंक -१५ प्रतियोगिता से संबधित निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | हमेशा की तरह इस बार भी प्रतियोगिता का निर्णय करना अत्यंत कठिन कार्य था जिसे हमारे निर्णायक-मंडल नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है |
दोस्तों ! लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रस्तुत चित्र में मुठ्ठी में रेत भरे हुए एक प्यारी सी मासूम बेटी की फ़ैली हुई ये बाहें देखकर हमारे प्रत्येक सदस्य ने इसे न केवल अपनी गोद में उठा लिया अपितु स्वरचित छंदों के माध्यम से इसे इतना नेह-दुलार दिया कि इस सागर में भी प्यार का ज्वार आ गया| इसमें आयी हुई ५५६ रिप्लाईज के माध्यम से हमारे छन्द्कारों ने इस चित्र को विभिन्न छंदों के माध्यम से स्वरूचि अनुसार विभिन्न आयामों में चित्रित कर दिखाया है | इस हेतु सभी ओ बी ओ सदस्य बधाई के पात्र हैं| इस बार की प्रतियोगिता का शुभारम्भ सुप्रसिद्ध हास्यकवि श्री अलबेला खत्री जी की शानदार घनाक्षरी से हुआ| परिणामस्वरूप प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गयी......... तद्पश्चात इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अधिकतर मनहरण घनाक्षरी, दोहा कुंडलिया , वीर छंद आल्हा, मत्तगयन्द सवैया, छप्पय, दुर्मिल सवैया , त्रिभंगी, बरवै, शुद्ध्गा या विधाता, व रूपमाला या मदन छंद आदि अनेक विधाओं में शानदार छंद प्रस्तुत किये गये, पिछली बार की तरह इस बार भी प्रतिक्रियाओं में भी छंदों की कुछ ऐसी रसधार बही कि सभी कुछ छंदमय हो गया| इस प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरणीय योगराज प्रभाकर , सौरभ पाण्डेय, संजय मिश्र ‘हबीब’, अलबेला खत्री, उमाशंकर मिश्र, अरुण कुमार निगम, प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा, अविनाश एस बागडे, आदरेया राजेश कुमारी व संदीप कुमार पाटिल आदि ने अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों के मध्य परस्पर संवाद कायम रखा तथा तथा प्रतिक्रियाओं में छंदों का खुलकर प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर व आकर्षक बना दिया | आदि नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की परिधि के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही | पीछे-पीछे यह खाकसार भी इन सभी विद्वानों की राह का अनुसरण करता रहा....
‘प्रतियोगिता से बाहर’ श्रेणी में आदरणीय आलोक सीतापुरी, अरुण कुमार निगम, श्री संजय मिश्र हबीबजी, आदि की रचनाएँ उत्कृष्ट कोटि की रहीं जिन्हें ओ बी ओ सदस्यों से भरपूर सराहना प्राप्त हुई | आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, के साथ ही आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी की काव्यात्मक टिप्पणियों ने प्रतियोगिता के उत्साह को न केवल दुगुना किया बल्कि सदस्यों का मार्ग भी प्रशस्त किया.
प्रसन्नता की बात यह भी है कि यह प्रतियोगिता छंदबद्ध होकर अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है........... संभवतः वह दिन दूर नहीं..... जब ओ बी ओ पर मनचाही विधा में मनभावन छंदों की चहुँ ओर बरसात होगी |
इस यज्ञ में काव्य-रूपी आहुतियाँ डालने के लिए समस्त ओ बी ओ मित्रों का हार्दिक आभार...
प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...
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प्रथम पुरस्कार रूपये १००१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
इस बार प्रथम स्थान : पर हास्यसम्राट श्री अलबेला खत्री जी का मत्तगयन्द सवैया प्रतिष्ठित हुआ है |
(१)
बांह पसार खड़ी तट ऊपर बाबुल की बिटिया मतवारी
सागर की लहरों पर ख़ूब धमाल मचा कर धूल धुसारी
मोहक और मनोहर सूरतिया पर मात-पिता बलिहारी
शैशव शोभ रहा, मुखमण्डल की छवि लागत है अति प्यारी
--अलबेला खत्री
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द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company
द्वितीय स्थान ; पर श्री उमाशंकर मिश्र जी के दोहे विराजमान हैं |
निकली बन गुड़िया नई, कन्या रूप अनूप|
लहर संग अठखेलियाँ, जननी धरा स्वरुप||
दोऊ कर माटी धरे, वसुधा खेले खेल|
कहती हँसकर थाम लो, टूटे ना यह बेल||
आदिशक्ति मै मातृका, ले बचपन का बोध|
आऊँगी उड़ती हुई, मत डालो अवरोध||
आँचल में भर लीजिए, मत कीजे व्यापार|
खुशियों से पूरित रहे, सारा जग संसार||
-- उमाशंकर मिश्र
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तृतीय पुरस्कार रुपये २५१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House
तृतीय स्थान : श्री संदीप पटेल ‘दीप’ के दुर्मिल सवैया को जाता है |
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दुर्मिल सवैया
अति सुन्दर कंचन देह दिखे, चमके रवि-जात लगे बिटिया
बहु पूजित रूप अनूप लिए, धरनी पर मात लगे बिटिया
बस हाथ परी से उठा करवो, छवि देख अजात लगे बिटिया
हर पीर मिटे मुख देख जरा, हँस ले मधुमात लगे बिटिया
-- संदीप पटेल ‘दीप’
प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई व साधुवाद...
उपरोक्त प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के विजेताओं की रचनाएँ आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१६ के लिए प्रतियोगिता से स्वतः ही बाहर होंगी | ‘चित्र से काव्य तक’ प्रतियोगिता अंक-१७ में वे पुनः भाग ले सकेंगे !
जय ओ बी ओ!
अम्बरीष श्रीवास्तव
अध्यक्ष,
"चित्र से काव्य तक" समूह
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार
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भ्राता कित हैं इन दिनों , कम दिखते इत आप
किसी काज तल्लीन हैं , या करते हैं जाप
या करते हैं जाप , आप बिन सूना लागे
मन अंतस संताप दिनों दिन दूना लागे
झलक दिखा कर निभा गये माना है नाता
कम दिखते इत आप, इन दिनों कित हैं भ्राता ?
अभियंता हूँ वास्तुविद,रोज कमाता नाम.
रोजी रोटी के लिए, करना है नित काम.
करना है नित काम, संग साहित्यिक सेवा.
छंदों से है प्रेम, ओबिओ पर है मेवा.
आप सभी जो साथ, सधे साहित्यिक संता.
आऊँगा अति शीघ्र, कहे हर्षित अभियंता..:-)))
अभियंता जी धन्य हैं , आये समय निकाल
आऊंगा अति शीघ्र कह,मुझको किया निहाल
मुझको किया निहाल , काम पर जाते रहिये
भोली सूरत मगर , आप दिखलाते रहिये
सुना चुटकुले हँसा , सके ना संता - बंता
बिना आपके बड़ी , उदासी थी अभियंता |
आदरणीय अरुण सर जी
आपका बहुत बहुत धन्यवाद और सादर आभार
आपसे आशिर्वाद और स्नेह का सदैव आकांक्षी
संदीप "दीप "
हर्षित हो के कर रहे ,दोहों से संवाद
मन गद गद ये हो गया, पा के आशिर्वाद
आदरणीय निर्णायक महोदय जी
मैं आज ही PhD का साक्षात्कार दे कर आया और देखा तो बस पूछिए मत जो स्स्नेह और प्यार आपके मंच से मुझे मिला वो उसे शब्दों में कह पाना मुश्किल हो रहा है
इस ख़ुशी के पीछे छुपा है गुरुजनों का स्नेह प्यार दुलार
आप सभी आदरणीय जनों का बहुत बहुत आभार
आदरणीय अलबेला सर जी
आदरणीय उमाशंकर सर जी
आप को भी इस अनुज की ओर से कोटि कोटि बधाई सहित सुभकामनाएँ प्रेषित हैं
इसे सहर्ष स्वीकार कीजिये
आप सभी का एक बार पुनः धन्यवाद और आभार
बहुत बहुत बधाई आपको भी भाई संदीप कुमार पटेल जी
सादर
प्रिय संदीप कुमार पटेल जी -ईश्वर से यही प्रार्थना है की आप सदैव सफल हो
आपको सादर बधाई
स्वागत है भाई संदीप जी ! हार्दिक आभार मित्र .....सफलता आपके कदम चूमे ........और ओ बी ओ पर आप सदैव ही सक्रिय रहें...:-))
आदरणीय अलबेला खत्री जी, भाई उमा शंकर जी, एवं स्नेही संदीप जी को बहुत बहुत बधाई .
इस बार प्रथम स्थान : पर हास्यसम्राट श्री अलबेला खत्री जी का मत्तगयन्द सवैया प्रतिष्ठित हुआ है ||
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द्वितीय स्थान ; पर श्री उमाशंकर मिश्र जी के दोहे विराजमान हैं |
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तृतीय स्थान : श्री संदीप पटेल ‘दीप’ के दुर्मिल सवैया को जाता है |
teeno rachanakaro ko badhai
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