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हुस्न की शहजादियों को मुँह लगाना छोडि़ये
गर किसी को भा गया तो पोपला हो जायेगा। बहुत सही कहा आपने ! होली की शुभकामनायें !
लीजिए साहबान मेरी गज़ल झेलिये :)
एक दिन पव्वा पिला , वो रहनुमा हो जाएगा,
चार दिन अध्धी पिला दे तो खुदा हो जाएगा |
घर पहुँच ही जायेंगे पर पहले खम्बा खत्म कर,
किसको है बाईक चलाना फैसला हो जाएगा |
चिप्स सोडा बर्फ और नमकीन के बिन क्या मज़ा,
ये नहीं होंगे तो खम्बा अनमना हो जायेगा |
उसकी आखों में नशा है उसकी बातों में नशा
नालियां कहती हैं, वो इक दिन मेरा हो जाएगा |
आज जो काजू की बेटी से मुहब्बत कर रहा,
शर्तिया इक दिन वो देसी का सगा हो जाएगा |
मत परेशां हो अगर गुझिया में कीड़ा गिर गया,
तल के निकलेगा तो वो भी कुरकुरा हो जाएगा |
इक दिन पी, चार दिन तू सूंघ कर ही छोड़ दे,
“रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा” |
कमाल है वीनस कमाल, अब तो देखना पड़ेगा कि जूही चावला जिस कुरकुरे का विज्ञापन करती है उसमें कितने कीड़े हैं। अब मैनें तो तय किया है कि कुरकुरे के साथ कोक पियो, बेरोक-टोक पियो, सारे कुरकुरे कीड़े मर जायेंगे। ये खम्बा मुझे नया संदर्भ लगा।
हा हा हा
कोक वाला आईडिया सही है
खम्भा = फुल
अध्धी = हाफ
पव्वा = क्वाटर
डिटाल = क्वाटर हाफ
अब ये मत पूछियेगा मुझे कैसे पता
:)
ग़ज़ब का ज्ञान है भाई, मैं तो इस बारे में निपट अज्ञानी हूँ।
मैं नये मित्रों से कहता हूँ कि भाई दारू और सिगरेट मैं कभी नहीं छोड़ सकता।
जब वो मेरा मुँह ताकते हैं तो स्पष्ट करता हूँ कि भाई चालू ही नहीं की।
सही है
दारू और सिगरेट
ओके
तो पान, तम्बाकू, चरस, गांजा, हशीश, हेरोइन, चिलम ये सब कब छोड़ रहे हैं ???
जल्दी करिये नहीं तो जो कान के पीछे दिख रहे हैं वो भी ... :)
ये सब वो पदार्थ हैं जिनकी वजस से आपको यह शेर लिखना पड़ा -
वक्त, यूँ सोचा न था, इक दिन हवा हो जायेगा
जु़ल्फ़ से भरपूर ये सर, चॉंद सा हो जायेगा।
अरे वाह वीनस भाई क्या बात कही है ................
घर पहुँच ही जायेंगे पर पहले खम्बा खत्म कर,
किसको है बाईक चलाना फैसला हो जाएगा |.............यार इसके बाद बाइक चलाना कहा पड़ता है वो खुद चलती है |
मत परेशां हो अगर गुझिया में कीड़ा गिर गया,
तल के निकलेगा तो वो भी कुरकुरा हो जाएगा |......यह बहुत मजेदार है भाई , कुरकुरा हो जायेगा , थोडा कड़क तलना, वैसे भी खम्भे के बाद कहा पता चलने वाला की कीड़ा है या मेवा |
बहुत बहुत बधाई यार , लग रहा है यह मुशायरा बहुत मजेदार होने वाला है |
"यार इसके बाद बाइक चलाना कहा पड़ता है वो खुद चलती है |"
बाईक, बाईक ही कहाँ रहती है "उड़न खटोला" बन जाती है
हा हा हा
जय हो जय हो जय हो जय हो
मान गए उस्ताद आपके ज्ञान को
कुरकुरी चीज तो मुझे बड़ी पसंद थी ..अब संभल कर खाना पड़ेगा
हद है यार गुझिया को भी नहीं छोड़ा...
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एक दिन पव्वा पिला , वो रहनुमा हो जाएगा,
चार दिन अध्धी पिला दे तो खुदा हो जाएगा |
ऐसे ही खुदा थोड़े न बनते है..बड़ी मेहनत करनी पड़ती है
घर पहुँच ही जायेंगे पर पहले खम्बा खत्म कर,
किसको है बाईक चलाना फैसला हो जाएगा |
मुझे मत कहना वरना खम्भे में भिडा दूँगा
चिप्स सोडा बर्फ और नमकीन के बिन क्या मज़ा,
ये नहीं होंगे तो खम्बा अनमना हो जायेगा |
मज़ा तो इनके बिना ही है ........सादगी के साथ
उसकी आखों में नशा है उसकी बातों में नशा
नालियां कहती हैं, वो इक दिन मेरा हो जाएगा |
हम तो कबके हो चुके है
आज जो काजू की बेटी से मुहब्बत कर रहा,
शर्तिया इक दिन वो देसी का सगा हो जाएगा |
तुम्हारे सिवा कुछ न चाहत करेंगे .....
मत परेशां हो अगर गुझिया में कीड़ा गिर गया,
तल के निकलेगा तो वो भी कुरकुरा हो जाएगा |
हम लोग मिल बाँट कर खायेंगे ...मज़ा आएगा
इक दिन पी, चार दिन तू सूंघ कर ही छोड़ दे,
“रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा” |
अच्छी बात है ..अमल में लाया जायेगा