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्तहे दिल से शुक्रिया आ. चंद्रेश जी।
वाह !!!! क्या कहने हैं इस नैतिकता के ! देश के लिये तो नैतिक जिम्मेदारी ना ले सके कभी , लेकिन इस ऊपरी कमाई की चाशनी ने, इस कमाई के प्रति नैतिकता ऩामक एक शब्द से तो नाता जोड ही दिया । बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया नीरज जी।बहुत खूब लघुकथा हुई है ये ।
जी, ठीक कहा आपने कान्ता जी, कम से पैसे लेकर काम करने की नैतिकता तो बरकरार है। आपके सुन्दर टिप्पणी के लिए हृदय से आभार।
लघुकथा के भाव को समझने व इतनी सुन्दर टिप्पणी के लिए हृदय से धन्यवाद आ. नीता जी।
वाह वाह, बढ़िया लघुकथा हुई है आ० डॉ नीरज शर्मा जी I क्या दीदा दिलेरी से नैतिकता को परिभाषित किया है क्लर्क ने, हार्दिक बधाई स्वीकार करें I
लघुकथा पर दृष्टिपात करने व सराहने के लिए हार्दिक आभार।
आदरणीया नीरज शर्मा जी, लघुकथा तथ्यों के हिसाब से बहुत कमजोर बनी है। पहली बात तो मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए इतने कागजों की जरूरत नहीं पड़ती कि उसके बहाने से काम को टरकाया जा सके। दूसरी बात जब अफसर काम करने के लिए पैसों की मांग कर रहा है तो अपने काम को लेकर शंका करना भी अजीब सा लग रहा है लघुकथा में।
्मैं आपके कथन से सहमत नहीं हूं आ. विनोद खनग्वाल जी।
आपको शायद जानकारी नहीं है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी कई कागज़ों की दरकार होती है मसलन , एड्रेस प्रूफ , हॉस्पिटल का प्रमाण पत्र, मृत्यु कैसे हुई , जहां शव का संस्कार किया गया है वहां का अथवा उस पंडित की स्वीकारोक्ति पत्र इत्यादि ।
यह तो जवाब है आपकी पहली शंका का।
दूसरी बात--मुख्य पात्र भारत में नहीं रहता, अमरीका में रहता है, जहां शायद इन कामों के लिए इतना परेशान होने की आवश्यक्ता नहीं होती , अतः उसका शंका करना स्वाभाविक है क्यों कि वह इन हालातों से रूबरू नहीं हुआ है वहां पर।
तीसरी बात मैं अपनी तरफ से कहना चाहती हूं कि जब तथाकथित इन सरकारी कर्मचारियों को काम को टालना होता है , तब ये बहुत से ऐसे कागज़ मांग लेते हैं जिनकी दरकार ही नहीं होती , नियमानुसार भी। ऐसे नियम बताते हैं कि काम होना असंभव सा लगने लगता है व वही काम पैसे देते ही मिनटों में हि जाता है।
शायद अब तथ्यों पर आपके डाउट्स क्लीयर हो गए होंगे आदरणीय।
आदरणीय डॉ नीरज शर्मा जी हार्दिक बधाई,आपकी लघुकथा ने सरकारी दफ़्तरों में व्याप्त धांधली और रिश्वतखोरी पर बहुत तीखा कटाक्ष किया है!आपकी लेखन शैली तो कमाल है!पुनः बधाई!
आपकी भाव भीनी टिप्पणी के लिए हृदय से अनेक बार आभार, आपने मेरा उत्साह वर्धन किया उसके लिए पुनः आभार आ. तेजवीर जी।
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