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// "ठीक हैं भाई यह आदमी ही कर सकता हैं, उल्लास के रंगो से झगडा." //
सच कहा आपने गौड़ साहब। ...
अच्छी लघुकथा है आ० राजेन्द्र कुमार गौड़ जी, रचना में निहित सन्देश भी अति-उत्तम है I हार्दिक बधाई स्वीकारेंI
आज धन्य हुआ अधिक कहने में असमर्थ हूँ इस समय मन बहुत उद्वेग में हैं, आभार आदरणीय आशा हैं सनेहसीस बना रहे मैं और मेहनत करूँ
रंगों के माध्यम से सार्थक सन्देश देती एक सशक्त रचना।बधाई स्वीकार करें आदरणीय राजेन्द्र गौड़ सर जी।
आदरणीय राजेंदर जी, प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई निवेदित है. सादर
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