For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 74263

Reply to This

Replies to This Discussion

आ० भाई सौरभ जी , इस उपलब्धि के लिए कोटि कोटि बधाई. यह मेरी कमनसीबी है की इस सुखद समाचार  से मैं देर से रूबरू हुआ .

आ० भाई सौरभ जी , इस उपलब्धि के लिए कोटि कोटि बधाई. यह मेरी कमनसीबी है की इस सुखद समाचार  से मैं देर से रूबरू हुआ .

दिल से बधाई आदरणीय सौरभ जी।

आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदयतल से धन्यवाद, आदरणीया राजेश कुमारीजी. 

सादर

परम आदरणीय सौरभ जी
हार्दिक अभिनन्दन सहित ढेरों बधाई एवं अशेष शुभकामनायें

आदरणीय सत्यनारायणभाई, आपकी शुभकामनाओं से आप्लावित हूँ .

सादर

आदरणीय सौरभ जी बहुत बुहुत बधाई इस उपलब्धि पर

आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, हार्दिक धन्यवाद 

आदरणीय सौरभ जी, साहित्य-सर्जन-शिखर सम्मान से आपके अलंकृत होने का समाचार कितना सुखद और ओबीओ के लिए कितना गौरवप्रद है यह तो सभी की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है. आपकी यह उपलब्धि इस मंच के लिए आने वाले उज्ज्वल भविष्य का सूचक है. अपनी अपार कर्मव्यस्तता के साथ साहित्य-सेवा के लिए निरंतर समय निकालना कितना दुष्कर है यह उन्हीं को मालूम है जो इस चेष्टा में रत हैं. इस सम्मान से आपकी साहित्यिक प्रतिभा को जो स्वीकृति मिली है उससे परे उन साहित्य प्रेमियों को प्रेरणा मिलती है जो साहित्य मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पाने की लालसा से मंदिर के चौखट पर माथा टेक सकने का अवसर मिलने पर ही धन्य हो जाते हैं. आप इसी तरह रचना संसार में "सौरभ" बिखेरते रहें,ओबीओ के साथ हम सभी को गौरव और प्रेरणा मिलती रहे...जीवन के कठिन क्षणों में भी कैसे जीवन जिया जाता है- युवा रचनाकारों को दिशानिर्देश मिलता रहे. व्यक्तिगत रूप से मेरी और कुंती जी की ओर से अशेष अभिनन्दन. सादर.

आदरणीय शरदिन्दु जी, 

आपकी सदाशयता से मन-प्राण पुलकित है. अपने हृदयतल की भावनाओं को जिस आत्मीयता से आपने साझा किया है, वह मेरे लिए सदैव उत्प्रेरक का कार्य करेंगे. आदरणीय, इस पटल के सभी सक्रिय, संवेदनशील, अभ्यासी सदस्य मुझसे भी अधिक मेहनत कर रहे हैं. यह इस पटल ओबीओ से मिला मार्गदर्शन ही है कि हम आज साहित्य-जगत के परिसर में स्वीकार्य हो रहे हैं ! वह भी बिना किसी तथाकथित ’वाद’ को अंगीकार किये ! यही अपनी ताकत भी है.

आपको तथा आदरणीया कुन्तीजी को मेरी ओर से सादर धन्यवाद प्रेषित है. आप दोनों का स्नेह और सान्निध्य अनवरत बना रहे. 

सादर

आदरणीय उमेश कटारा जी,

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

आदरणीय मदनलाल श्रीमाली जी, 

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"221 1221 1221 122**भटके हैं सभी, राह दिखाने के लिए आइन्सान को इन्सान बनाने के लिए आ।१।*धरती पे…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी है, लेकिन कुछ बारीकियों पर ध्यान देना ज़रूरी है। बस उनकी बात है। ये तर्क-ए-तअल्लुक भी…"
7 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"२२१ १२२१ १२२१ १२२ ये तर्क-ए-तअल्लुक भी मिटाने के लिये आ मैं ग़ैर हूँ तो ग़ैर जताने के लिये…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )

चली आयी है मिलने फिर किधर से१२२२   १२२२    १२२जो बच्चे दूर हैं माँ –बाप – घर सेवो पत्ते गिर चुके…See More
11 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
15 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय भंडारी जी बहुत बहुत शुक्रिया ग़ज़ल पर ज़र्रा नवाज़ी का सादर"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरनाजी, कई तरह के भावों को शाब्दिक करती हुई दोहावली प्रस्तुत हुई…"
19 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
20 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service