परम आत्मीय स्वजन,
ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 68 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह हिंदुस्तान के मशहूर शायर जनाब बशीर बद्र साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|
"फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है"
212 212 212 212
फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन
(बह्र: मुतदारिक मुसम्मन सालिम )
मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 26 फरवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 27 फरवरी दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.
नियम एवं शर्तें:-
विशेष अनुरोध:-
सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें |
मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....
मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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शुक्रिया
जनाब नीलेश नूर साहिब , अच्छी ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
शुक्रिया खान साहेब
नूर जी ---------------बेहतरीन .
आप की छोटी टिप्पणी बहुत बड़ी है ...दिल से शुक्रिया डॉ साहब
आदरणीय नीलेश जी लाजवाब ग़ज़ल कही है. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं....
लहर तू ---- को ----- तू लहर ----- भी लिख सकते थे फिर भी आपने ----लहर तू ---- लिखा है . क्या सही उच्चारण लह्र्र है ? सादर
शुक्रिया ...जी सही उच्चारण लह'र (21) ही है ..बाज़ मौकों पर 12 भी इस्तेमाल हुआ है लेकिन
21 ही अधिकतर सुना/ पढ़ा गया है ..
दिल में इक लह'र सी उठी है अभी (२१२२/१२१२/११२)
.
लहर लहर पानी में डूबता हुआ सूरज (२१२१/२२२// २१२१/२२२)
कौन मुझ में दर आया उठ के आईना देखूँ
स्पष्ट करने हेतु हार्दिक आभार आपका
शुक्रिया सर
बागबाँ, तितलियां, ख़ार, कलियों में तू, /“फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है?
इल्म वाले बहुत हो मगर ‘नूर’ जी,/आप को शह’र में जानता कौन है?
.आ0 भाई निलेश "नूर" जी बेहतरीन पेशकश के लिए बहुत बहुत बधाई l
शुक्रिया आदरणीय
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