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बहुत ही प्रभावशाली व विषय को सार्थक करती रचना आदरणीय सुनील भाई। शुभकामनाएं ।
जनाब सुनील वर्मा साहिब , माँ की सीख को दर्शाती अच्छी लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
वाह वाह विषय से न्याय करती हुई बहुत सुन्दर सशक्त लघु कथा लघु कथा का मोड़ बहुत प्रभावशाली लगा |हार्दिक बधाई सुनील जी |
आदरणीय सुनील जी,
फोन के दूसरी तरफ से आने वाली अपने माँ-बाप से अधिक समझदारी भरी आवाज, अब अपना विश्वास खोकर निशब्द हो चुकी थी।
पंचलाइन अपना प्रभाव छोड़ने में सफल है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर
आ.सुनील जी इस भावभरी रचना के लिये बधाई स्वीकर कीजिए. सच है माँ ही तो पहली साथी है.
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