For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122      2122      2122     212

रात का सन्नाटा' मुझपे मुस्कुराया देर तक
हाथ पर उनको लिखा लिखके मिटाया देर तक

आज ऐसा क्या हुआ क्या साजिशें हैं शाम की
आरजू जिसकी नहीं वो याद आया देर तक

उल्फतें हैं हसरतें हैं और ये दीवानगी
नाम तेरा होंठ पे रख बुदबुदाया देर तक

है अज़ब मंज़र वफ़ा की रहगुज़र में आजकल
चाहतें उस शख्स की जिसने रुलाया देर तक

.

कुछ पलों की जुस्तजू वो कुछ पलों की तिश्नगी
प्यार का गमगीं तराना गुनगुनाया देर तक

था बड़ा मगरूर वो हम भी गुमां रखते बहुत
आग पे अरमां रखे औ फिर जलाया देर तक
.
मौलिक एवं अप्रकाशित
©बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 1029

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on May 23, 2016 at 10:09pm

रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन Ram Ashery महोदय जी 

Comment by Ram Ashery on May 21, 2016 at 4:05pm

अति सुंदर रचना आपको बहुत बहुत बधाई स्वीकार हो 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 17, 2016 at 12:13am

रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार  आदरणीया  rajesh kumari जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 17, 2016 at 12:11am

माफ़ कीजिये आदरनीय  Er. Ganesh Jee "Bagi"  जी अप्रकशन से मेरा मतलब है कहीं किसी पत्रिका आदि  में नहीं प्रकाशित है.... फेसबुक पे जरूर पोस्ट की हुई है    


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2016 at 11:15pm

आदरणीय ब्रिजेश जी, आपकी यह ग़ज़ल वेब पर इस मंच से पहले ही प्रकाशित है, फिर आप 'अप्रकाशित' टैग के साथ इस मंच पर कैसे प्रस्तुत कर दिए. कृपया स्पष्ट करें. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 11, 2016 at 11:00am

वाह वाह बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई बृजेश जी हर अशआर दिल तक पंहुचता हुआ दिली दाद कुबूलें मेरी शुभकामनायें | 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 4, 2016 at 8:55pm

माफ़ कीजिये आदरणीय Ravi Shukla जी आजकल बिलकुल समय ही नहीं मिल रहा है देर से ही सही आपका हार्दिक आभार एवं अभिनन्दन 

Comment by Ravi Shukla on March 15, 2016 at 10:02am

आदरणीय बृजेश कुमार जी बहुत सुन्‍दर अश्‍आर हुए है दिली दाद और मुबारक बाद कुबूल करें

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 12, 2016 at 7:14pm

आपके सुंदर शब्दों से अतिप्रसन्नता का अनुभव हुआ....हार्दिक धन्यवाद आदरणीय  Dr Ashutosh Mishra जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 12, 2016 at 7:12pm

आपके उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service