आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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आदरणीय समर सर, आपकी लघुकथा के लिए बस इतना ही कहम चाहूँगा... शानदार! ज़बरदस्त!! ज़िंदाबाद!!!
आदरनीय समर जी , आप जी ग़ज़ल में उस्ताद और लघुकथा में आप जी के बारे क्या कहें बधाई हो
‘गोकुल डेयरी’
“भैया i दयानंद के लोग आज से प्रायश्चित सप्ताह मना रहे हैं I उपवास रखेंगे ,अपने नेता जी की समाधि को दूध गंगाजल से धोयेंगे ,पाठ हवन करवाएंगे “I
“ये नाटक किस लिए ?”
“हम जैसे लोगों की पार्टी के साथ दो साल गठबंधन बनाया ना ,उसका प्रायश्चित करेंगे “I
“तीन दिन रुक जा I सदन में इनका अविश्वास मत गिराकर दद्दा जी जब फिर से सरकार बना लेंगे ,तब हम भी करेंगे ये नाटक “I
“हम क्यों ?”
“इन दगाबाजों पर विश्वास किया इस लिए I उपवास करेगे ,पूजन हवन करेंगे”I
“पर भैया ,समाधि की प्रॉब्लम होगी I कोई है नहीं अपने पास “I
“हाँ i वो तो है I चलो पार्टी ऑफिस धुलवा लेंगे दूध गंगाजल से I वहीँ तो हाथ मिलाया था इन दगाबाजों से I दस लीटर दूध का आज ही कह देना एडवांस में गोकुल डेयरी को I”
“आपको पूरा भरोसा है कि दद्दा जी विश्वास मत जीत जायेंगे ?”
“बिलकुल , पिछले दस दिन से इसी में लगा हूँ I रामनारायण के पाँच वोट अपने हैं I पूरा पक्का कर लिया हर तरफ से ,बस देखता जा I कल तो उसे घर भी ले गया था I”
“उसे घर ले गए थे आप ii”
“ हाँ i साथ खाना खाया और फिर घर के मंदिर में ले जाकर भावुक दोस्ती यारी की बातें करीं I पक्का वचन ले लिया है I
“मंदिर में भी ले गए उसे ii आपको पता है ना क्या काम करते थे उसके पुरखे I अम्मा जी को पता पड़ गया तो”?
“तो क्या i अपना काम एक बार बन गया तो अम्मा जी के आगे प्रायश्चित कर लेंगे I मंदिर क्या, पूरा घर धुलवा देंगे दूध से I गोकुल डेयरी है ना I”
मौलिक व् अप्रकाशित
राजनीति में कुछ भी संभव है, बहुत बढ़िया रचना विषय पर| और दिखाने के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं ये नेता, बधाई आपको इस रचना के लिए
आपका हार्दिक आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी
आपका हार्दिक आभार आदरणीय सुनील जी
उपवास ,धरने ,जुलूस ये सब राजनीतिक हथकंडे हैं इन पर तो विश्वास ही नहीं रहा अब किसी का वक्त पड़ा तो दलित निम्न वर्ग को खुदा मान लिया फिर शुद्धि का ढोंग कर प्रायश्चित करेंगे वाह्ह्ह्ह इन दिखाओं पर जबरदस्त कटाक्ष किया है प्रिय प्रतिभा जी बहुत बहुत बधाई लीजिये |
आपको कथा पसंद आई ,मेरा लिखना सार्थक हुआ , आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी
वाह वाह, क्या कहने हैं आ० प्रतिभा पांडेय जी। प्रायश्चित करने का यह राजनैतिक अंदाज़ मुग्धकारी लगा -यानि गोकुल डेयरी ज़िंदाबाद। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
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