आदरणीय साथिओ,
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आदरणीया नयना जी, बढ़िया लघुकथा है. हार्दिक बधाई.
बढ़िया लघुकथा आदरणीय नयना आरती जी . बधाई आप को .
/मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया/ वाह नयना ताई प्रवृत विषय पर यथोचित बोधगम्य लघुकथा । इस एक वाक्य के लिए खूबसूरती से ढाली गई इस लघुकथा के आपको असीम शुभकामनाएं ।
आ.रवि दादा आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी से मन हर्षित हुआ. आभार आपका
आ. समर कबीर जी आदाब.धन्यवाद आपका रचना की सराहना हेतु
आदरणीया नयना जी, सुन्दर कथा. सादर.
हार्दिक बधाई नयना जी। सुन्दर लघुकथा।
अच्छी लघुकथा है आदरणीया नयना जी। हार्दिक बधाई।
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