आदरणीय साथिओ,
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आ० धर्मेन्द्र जी , बहुत बढ़िया . शोले फिल्म के एक पहलू वाले सिक्के का प्रयोग कर आपने कथा में चार चाँद लगा दिए . बधाई आपको .
अच्छी लघु कथा कही आद० धर्मेन्द्र जी बहुत बहुत बधाई
वाह, बहुत बढ़िया रचना विषय पर| बधाई आपको
चित और पट दोनों अपनी . सामयिक परिद्रश्य में गूढ़ अर्थगर्भित कथा के लिए आपको बधाई आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी
देखी है आदरणीय धर्मेन्द्र जी। फ़िल्म की तरह आपकी लघुकथा भी बेहतरीन है। बहुत-बहुत बधाई।
बहुत अच्छी लघुकथा है, बधाई प्रेषित है.
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