आदरणीय साथिओ,
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आदरणीय सुधीर जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
आदरणीय माला जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
वाह वाह, लाजवाब लघुकथा से आयोजन का शुभारम्भ किया है भाई मिथिलेश जीi भारत में जाति और जातिवाद न केवल एक अकाट्य सत्य है बल्कि आज भी काफी हद तक प्रासंगिक हैI आपकी इस लघुकथा में जातिवाद के दृष्टिकोण ढहते किले का दर्द बखूबी उभर कर सामने आया हैI जोड़ तोड़ करने के बाद सत्ता का केंद्र भले ही ठाकुर साहिब के आस पास कायम रहा, लेकिन आत्मसम्मान के साथ किए समझौते की पीड़ा बिना कुछ कहे उभर कर सामने आ गई हैI लघुकथा कथ्य और शिल्प की दृष्टि से भी उत्कृष्ट हुई है जिस हेतु आपको ढेरों ढेर बधाईI
आदरणीय योगराज सर, इस प्रयास पर आपकी प्रशंसा पाकर अभिभूत हूँ. लघुकथा विधा में स्वयं को मैं सहज नहीं पाता हूँ या कहूं कि अभ्यास की कमी है. लघुकथा हेतु कथानक जब तक भीतर से आवाज़ न दे, जबरन प्रयास की हिम्मत ही नहीं जुटा पाता. न ऐसा करना उचित है. यही कारण है कि पिछले एक साल में यह दूसरी लघुकथा लिख रहा हूँ. इस लघुकथा का प्लाट अचानक दिमाग में आया और लिख गया. आपको यह प्रयास पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हो गया. इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर नमन
ऑ० भाई मिथिलेश जी , बहुत यथार्थपरक कथा हुई है हार्दिक बधाई स्वीकारें .
आदरणीय लक्ष्मण धामी सर जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
//अच्छा.... सही कहा ठाकुर साहब किन्तु मंदिर का ट्रस्ट...? शिव शिव शिव..... वो कोई आपके कहे के बाहर थोड़े ही जायेगा।”// ये ही मर्म है आज की सत्ता ,धर्म और जाति की कॉकटेल का . इस सशक्त फीता काट प्रस्तुति पर आपको ढेरों बधाई आदरणीय मिथिलेश जी
हार्दिक बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। जातिवाद और राजनीति के घाल मेल पर आधारित बेहद प्रभावशाली रचना ।सुन्दर प्रस्तुति।
आदरणीया प्रतिभा जी, आपको लघुकथा पसंद आई, जानकार खुश हूँ. इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
आदरणीया सीमा जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार निवेदित है. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
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