दिनांक 27.04.2017 को हरबंस मोहाल कानपुर स्थित टैगोर बाल निकेतन बालिका विद्यालय के मुख्य हॉल में ओबीओ कानपुर चैप्टर की मासिक गोष्ठी का आयोजन हुआ। विद्यालय की प्रधानाचार्या आ० सीमा गुप्ता जी ने बहुत खुले ह्रदय से स्वागत किया। ओबीओ परिवार के साथ साथ शहर के वरिष्ठ साहित्यकार आ० कृष्ण कांत शुक्ला जी की उपस्थिति में सम्पन्न कार्यक्रम का संचालन आ० अन्नपूर्णा वाजपेयी जी ने किया।
ये गोष्ठी कई कारणों से विशिष्ट हो गई, स्वास्थ्य के कारण लम्बे समय तक अनुपस्थित रहने के बाद सीमा सिंह की वापसी का माध्यम तो बनी ही साथ ही हमारे मंच की संरक्षिका आ० अन्नपूर्णा जी ने लघुकथा को समर्पित इस गोष्ठी में एक अभिनव प्रयोग भी किया। इस बार न केवल लघुकथा पाठ किया गया बल्कि विधा के बेसिक नियमो की जानकारी देने वाली सेमिनार और कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों की लघुकथा लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया। गया। जो अपने आप में सफल प्रयोग सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम के आरम्भ में ओबीओ कानपुर की अध्यक्षा सीमा सिंह ने, स्कूल के हॉल में उपस्थित अध्यापक-आध्यापिकाओ को विधा के विषय मे जानकारी देते हुए बेसिक नियमो से अवगत कराया। ततपश्चात ओबीओ कानपुर की संरक्षिका आ० अन्नपूर्णा वाजपेयी जी ने ‘लघुकथा लिखते समय किन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए’, विस्तृत रूप से बताया।हमारा सौभाग्य जो आज कानपुर शहर के जाने-माने गीतकार आ० कृष्ण कान्त शुक्ला जी को सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ। शुक्ला जी ने भरतमुनि के नाट्य शास्त्र में वर्णित रस- निष्पत्ति पर प्रकाश डाला और बताया कि साहित्य का सृजन किसी भी विधा में हो उसमें चिंतन का समावेश अत्यंत आवश्यक है। आ० शुक्ला जी वरिष्ठ साहित्यकार हैं जिनके जितने गीत प्रसिद्ध हैं उतने ही सामाजिक चिंतन पर आलेख भी।ओबीओ मंच की वरिष्ठ लेखिका आ० मधु प्रधान दीदी ने अपनी एक लघुकथा ‘अंत एक ही होए’ के माध्यम से बताया कि कथानक चुनने की कुशलता तथा कथा से संवेदनाओं का संचार कैसे किया जाय ।
टैगोर बालिका विद्यालय की अत्यधिक युवा अध्यापिका आ० आरती कश्यप ने एक लघुकथा ‘जिम्मेवारी’ का पाठ किया जो उनकी अपनी लिखी हुई तो नहीं थी पर उनकी मनपसन्द लघुकथा थी। उनका लघुकथा पाठ और विभिन्न कथाओं को सहेज कर रखने का ढंग बहुत मोहक था। संस्था की ही एक अन्य वरिष्ठ अध्यापिका आ० किरण मिश्रा जी, जो शहर की विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं, ने अपनी रचना ‘ अपनी अपनी पूजा ‘ का पाठ किया हालांकि ये लघुकथा की कसौटी पर तो उतनी खरी नही उतर रही थी, परन्तु उसका संदेश बहुत तीक्ष्ण और प्रभावशाली था।हमारे मंच से जुड़ी बेहद प्रतिभाशाली और सह्रदय हम सबकी प्रिय कुसुम दीदी वैसे तो लघुकथाएं कम ही लिखती हैं । उनकी स्नेहिल उपस्थिति हम सबका हौसला बढाती रही। कुसुम जी ने सम सामयिक विषयों पर आधारित काव्य रचनाएं सुना सभी उपस्थित लोगों से भरपूर सराहना बटोरी।
हमारे ओबीओ मंच के ही वरिष्ठ ग़ज़लकार आ० आनन्द पांडे ‘तन्हा’ जी भी कार्यक्रम में उत्साह बढ़ाने के लिए उपस्थित रहे। ‘तन्हा’ जी हो और उनकी सुरीली आवाज में उनसे गीत न सुना जाए ये तो असम्भव सी बात होती। आग्रह करने पर आपने अपनी मधुर आवाज में दो ग़ज़ल सुना कर सभी का मन मोह लिया। कार्य-क्रम का समापन आ० कृष्ण कांत शुक्ला जी के मधुर एवम शिक्षाप्रद गीत के साथ हुआ।विद्यालय के बच्चों ने भी बड़े उत्साह के साथ लेखन प्रतियोगिता भाग लिया उनकी तकरीबन पैंतीस प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई हैं। जो विधा के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा कर रही हैं।महत्वपूर्ण ये नहीं है कि छात्र-छात्राओं ने कैसा लिखा उल्लेखनीय ये है कि उन्होंने प्रयास किया । बच्चों की प्रतिक्रिया देखकर कानपुर चैप्टर उनके लिए शीघ्र ही एक कार्यशाला का आयोजन करने के कृत संकल्प है।
सर्वश्री कृष्णकांत शुक्ला जी के साथ साथ आ०मधु प्रधान जी,आ० कुसुम सिंह जी,आ० आंनद पाण्डेय’तन्हा’ जी,आ० अन्नपूर्णा वाजपेयी जी,आ०सुशील गुप्ता जी,आ०सीमा गुप्ताजी,आ०किरण मिश्रा जी, आ०आरती कश्यप जी, दीपशिखा अवस्थी जी,शोभा सिंह जी,आरती यादव जी,कुमुद पांडेय जी, कुसुम साहू जी, प्रियंका बाजपेयी जी, महालक्ष्मी गुप्ता जी, दीक्षा गुप्ता जी, श्रद्धा सोनकर जी, मोनी गुप्ता जी, वैशाली बाजपेयी जी, आरती कश्यप जी, एवं अंशु गुप्ता जी सहित सबकी अविस्मरणीय उपस्थिति ने आज के कार्य-क्रम में चार चांद लगा दिए। टैगोर विद्यालय परिवार का ह्रदय से आभार। कार्य-दिवस होने के कारण ओबीओ कानपुर के महामंत्री आ०सुधीर द्विवेदी, डॉ राकेश रोशन सिंह जी, मृदुल जी आ० जयराम’जय’ जी सम्मिलित नही हो सके जिसका खेद हैं।
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सफल आयोजन हेतु संचालकों काे बहुत बहुत शुभकामनाएं । लगे रहिए । आेबीओ ज़िन्दाबाद
ओबीओ कानपुर चैप्टर से हरेक सदस्य को हार्दिक बधाईI इस आयोजन की रिपोर्ट पढ़कर मुझे अत्यंत हर्ष हुआI कृपया साहित्यिक गतिविधियाँ जारी रखें, क्योंकि आपकी निष्क्रियता को लेकर मुझे ताने भी मिलने शुरु गए थेI
बहुत बहुत बधाई सफल आयोजन के लिये सृजन एवं गोष्ठी में निरंतरता से बेहतर परिणाम अवश्यक मिलेंगे पूरी टीम को पुन: बहत बहुत बधाई आगामी गोष्ठी कब होगी यदि तिथि निश्चित हो गई हो तो सूचित करें
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