आदरणीय साथिओ,
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बढ़ीया प्रयास आदरणीय टी.आर. सुकुल जी । पर शायद जो आप कहने चाहते थे वह पूरी तरह उभर कर सामने नहीं आ पाया । बधाई स्वीकार करें ।
अच्छी कथा हुई है आदरणीय मनन जी हार्दिक बधाई |
आ. मनन जी मै आपकी रचना समझने में अक्षम रही.सहभागिता हेतु बधाई
बिहार की मौजूदा राजनीति को प्रतीक बनाकर बढ़िया कथा कही है आदरणीय मनन जी, हार्दिक बधाई .. इस तीर लालटेन दीपक के झगडे में जनता की कौन सुनता है ये ही बात देखने की है आगे
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