For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं सजनी उसकी हो गयी .....

मैं सजनी उसकी हो गयी .....

निष्पंद देह में
जाने कैसे

सिहरन सी हो गई


सानिध्य में लिप्त श्वासें
अबोध स्पर्शों की
सहचरी हो गयीं


बर्फ़ीले आलिंगन
मासूम समर्पण से
चरम की ओर
बढ़ने लगे


तृप्ति की
अतृप्ति से होड़ हो गई


शोर थम गया
सभी प्रश्न
अपने चिन्हों के घरोंदों में
सो गए


लक्ष्य
स्वप्न मग्न हो गए


असंभव
संभव हो गया
भाव वेग
तरल हो गए


लजीले नयन
सजल हो
प्रपात बन
बह निकले


पल को
सदियाँ मिल गयीं
एक पल
जीवन हो गया


मैं

आसक्ति के
उस पल में
अधर घटों पर
खो गयी
वो

साजन मेरा हो गया
मैं

सजनी उसकी हो गयी


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 519

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 19, 2018 at 12:22pm

आदरणीय बृजेश जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का आभारी है।

Comment by Sushil Sarna on April 19, 2018 at 12:21pm

आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी सृजन को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 18, 2018 at 8:21pm

वाह बहुत सुन्दर रचना आदरणीय...

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 18, 2018 at 4:31pm

आदरणीय सुशील जी इस उम्दा रचना पर हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Sushil Sarna on April 17, 2018 at 6:46pm

आदरणीय समर कबीर साहिब,आदाब , सृजन को अपनी स्नेहाशीष से उपकृत करने का दिल से आभार।

Comment by Samar kabeer on April 17, 2018 at 12:05pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत उम्दा रचना हुई है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on April 16, 2018 at 8:27pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी सृजन को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 16, 2018 at 6:58pm

हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी। तन और मन को तरंगित करने वाली बेहतरीन रचना।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service