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आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार छियासीवाँ आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

22 जून 2018 दिन शुक्रवार से 23 जून 2018 दिन शनिवार तक
 
इस बार के छंद हैं - 

शक्ति छंद और चौपई छंद  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

चौपई छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 22 जून 2018 दिन शुक्रवार से 23 जून 2018 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों के लिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आदरणीय  सत्यनारायणजी

छंद पर आपकी प्रशंसा उत्साहवर्धक है, प्रयास सार्थक हुआ। हृदय से धन्यवाद, आभार।

आदरणीय अखिलेश जी आदाब,

                             प्रदत्त चित्र का बहुत ही सटीक चित्रण । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

आदरणीय  आरिफ  भाई

छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।

शहर कमाने आते लोग। धीरे से बस जाते लोग॥

ठेला गुमटी से व्यापार। किसी तरह चलता परिवार॥.  .गाँवों से पलायन और शहरों में भीड़  बड़ी समस्या है 

लम्बी दूरी थकते पाँव। मुश्किल से मिल पाता ठाँव॥

दिखे कहीं ना शीतल छाँव। याद तभी हम करते गाँव॥...वाह 

प्रदत्त विषय पर शानदार सटीक चौपई छंद   ...हार्दिक बधाई आदरणीय अखिलेश जी 

आदरणीया  प्रतिभाजी

छंद पर आपकी प्रशंसा उत्साहवर्धक है, प्रयास सार्थक हुआ। हृदय से धन्यवाद, आभार।

सुंदर चौपई छंद। बधाई

आदरणीय अजय भाई

छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।

शहर सकल की पूरी बात, कही आपने सटीक भ्रात
ध्वनि प्रदूषण मात्रा सात, यहाँ शिल्प की बिगड़ी बात
सादर

आदरणीय सतविन्द्र भाईजी

छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।

हॉर्न प्रदूषण ... लिखना सही है  

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते बहुत सुंदर चौपई छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

ध्वनि प्रदूषण बढ़ता शोर.............इस चरण की मात्राएँ जांच लें. 

धूल धुआँ कोहरा तमाम...........यहाँ गेयता निर्मल नहीं है देख लें. सादर. 

आदरणीय  अशोक भाईजी

छंद की प्रशंसा के लिए आपका हृदय से धन्यवाद, आभार।

हॉर्न प्रदूषण ... लिखना सही है।

सादर

जी ! हार्न या नाद प्रदूषण. सादर. 

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