For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

टकराव — डॉo विजय शंकर

फिर एक बार 

स्वाधीनता का 

जश्न मनाया हमने। 

पर अभी भी स्वाधीनता 

का अर्थ  समझने 

की कोशिश नहीं की हमने।     

स्वाधीन होने का मर्म अभी भी , 

समझ में नहीं आया हमें।

स्वाधीन होने के भाव में  

स्वयं अपने आधीन हो 

जाने का बोध क्यों कर 

समझ में नहीं आता हमें , 

या क्यों नहीं भाता हमें ? 

स्वतंत्रता का भाव क्यों 

बार बार टकरा जाता है 

हमारे स्वाधीनता के भाव से , 

क्यों नहीं मुक्त होने देता हमें 

हमारी पराधीनता के भाव से ? 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 17, 2018 at 7:53am

आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपकी पारखी नज़र के साथ आपकी सटीक टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 17, 2018 at 7:48am

आदरणीय सुरेंद्र नाथ कुशक्षत्रप जी , कविता पर आपकी बधाई हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 17, 2018 at 7:46am

आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , नमस्कार , प्रस्तुत कविता को मान देने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 17, 2018 at 7:41am

आदरणीय सुश्री बबीता गुप्ता जी , इस छोटी सी कविता को स्वीकार कर मान देने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by Samar kabeer on August 16, 2018 at 6:39pm

आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,ग़ुलामी के असरात आज भी ज़ह्न पर हावी हैं,जो कुछ समझने नहीं देते,सच्ची कविता,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on August 16, 2018 at 1:39pm
आद0 विजय जी सादर अभिवादन। भावपूर्ण रचना पर बधाई स्वीकार कीजिये।
Comment by Mohammed Arif on August 16, 2018 at 8:19am

आदरणीय विजय शंकर जी आदाब,

                            पराधीनता का भाव ही हमें मुक्त नहीं होने देता है , सही कहा आपने । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by babitagupta on August 15, 2018 at 3:18pm

दासता की सोच अभी भी कही चपकी हुई हैं, सटीक पंक्तिया ,बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
35 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service