आदरणीय काव्य-रसिको,
सादर अभिवादन !
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार 89 वां आयोजन है.
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –
22 सितंबर 2018 दिन शनिवार से 23 सितंबर 2018 दिन रविवार तक
इस बार के छंद हैं -
हरिगीतिका छंद और शक्ति छंद
हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.
हरिगीतिक छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें
शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें
जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
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आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 22 सितंबर 2018 दिन शनिवार से 23 सितंबर 2018 दिन रविवार तक यानी दो दिनों के लिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...
विशेष :
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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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सहभागिता के लिए बधाई आपको हरिहर झा जी ,किन्तु शक्ति छंद या हरिगीतिका पर लिखना था इस आयोजन में
अभी मुझे छंद में लिखने का अभ्यास नहीं है। क्योंकि इसमें मात्रीक छन्द के नवगीत का प्रावधान
भी देखा तो उसका उपयोग करना उचित समझा। इसकी प्रत्येक पंक्ति २३ मात्राओं से बनती है तथा नवगीत के नियम
इस पर लागू किये हैं।
आदरणीय हरिहर झा जी, नवगीत के लिए बहुत बधाई.
भावपूर्ण बेहतरीन रचना हार्दिक बधाई आदरणीय हरिहर सरजी।
बढ़िया सहभागिता आदरणीय हरिहर झा साहिब। मंच के इस आयोजन की परंपरा अनुसार प्रदत्त चित्र पर, बताये गये छंद के विधान का फाइल-अध्ययन सूचना के सहयोग से करके अपना अभ्यास हमें करते रहना होता है। आशा है आप कल तक कुछ पंक्तियों में दूसरी रचना का प्रयास भी करेंगे या इसी रचना को निर्धारित छंदबद्ध कर सकेंगे अध्ययन पश्चात। सादर।
जनाब हरिहर झा साहिब आदाब,आयोजन में सहभागिता के लिए आपका धन्यवाद ।
शक्ति छन्द
कहीं बाढ़ दिल को दुखाने लगी
कहीं मौत बनकर सताने लगी
घड़ी बाढ़ की ये रुलाती सदा
नहीं बस चले आजमाती सदा ll
बचा कुछ नहीं छोड़ जाना पड़ा
न दिल में खुशी सब लुटाना पड़ा
नदी बीच बालक उठाकर चली
लिए टोकरी सिर झुकाकर चली ll
नहीं साथ कोई सहारा मिले
दुआ से किसी के किनारा मिले
बढ़ी बेबसी नार हैरान है
बचे जान कैसे परेशान है ll
विधाता बचाए उसे ब्याल से
मिले मुक्ति उसको कठिन काल से
सलामत रहे सुत नदी धार से
जिसे देखकर जी रही प्यार से ll
मौलिक एवं अप्रकाशित
बहुत सुन्दर कविता! छोटेलाल जी! छन्दबद्ध!
धन्यवाद आदरणीय हरिहर झा साहब
वाह्ह्ह आद० छोटे लाल जी प्रदत्त विषय को सार्थक करते हुए शक्ति छंद में बहुत अच्छी प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आपको
आदरणीया राजेश कुमारी जी आपके उत्साह वर्धन से मन प्रसन्न हुआ दिल से आभार
आ0 छोटे लाल जी शक्ति छंद में बहुत ही सुंदर प्रदत चित्र के हर भाव को दर्शाती रचना को मेरा नमन। हृदय से बधाई।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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