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'मर्म-सौगातें : सोने का देश' [कुछ हाइकु: भाग-2]

1-
मन-हर्षाता
धन्य धन-तेरस
मां लक्ष्मी दाता

2-
धन तेरस
दे अब के बरस
सोने का देश


3-
धन तेरस
सोने की ये चिड़िया
धन से धन्य

4-
धनोपार्जन
से धन-विसर्जन
चादर मैली


5-
धन की दास्तां
धनी-निर्धन व्यथा
कथा में कथा


6-
लड़ी में ज्वाला
प्रकाश, आग, भाग
आत्मायें लड़ीं


7-
पर्व ही गर्व
संदेश सम्प्रेषित
धन का दर्द


8-
दिल की बातें
दीपोत्सव की रातें
मर्म-सौगातें


9-
आतिशबाज़ी
पटाखे व मिष्ठान
धन की आन


10-
शुभ दीवाली
मंगलकामनाएं
हिय--मिलायें

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 11, 2018 at 12:12pm

 

मेरे ब्लॉग--पटल पर नियमित पाठक रूपेण समय देकर रचनाओं के अनुमोदन और मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब  बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब। समालोचनाओं और मार्गदर्शन की भी ग़ुज़ारिश है।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 9, 2018 at 10:04am

वाह जी वाह क्या कहने बहुत सुन्दर...बधाई आदरणीय

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 7, 2018 at 8:39pm

रचना पर समय देकर अनुमोदन और प्रोत्साहन हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी  'मुसाफ़िर'  साहिब।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 7, 2018 at 10:52am

आ. भाई शेख शहजाद जी, सुंदर हाइकू हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 6, 2018 at 4:11pm

मेरी इस रचना पटल पर उपस्थित होकर अनुमोदन और हौसला अफ़जाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहिब,  आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब और आदरणीया नीलम उपाध्याय साहिबा।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 6, 2018 at 2:40pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी जी।बेहतरीन हाइकू।

Comment by Neelam Upadhyaya on November 6, 2018 at 12:58pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी,  बहुत ही बढ़िया हाइकू हुए  हैं।  प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। 

Comment by Samar kabeer on November 6, 2018 at 11:52am

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छे हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

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