For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छन्द 

मात्रा या  वर्ण को  सूत्र में पिरोकर की गयी वाक्य रचना को छन्द कहते है , जैसे व्याकरण द्वारा गद्य का अनुशासन होता है , वैसे ही छन्द द्वारा पद्य का . छन्द शास्त्र के आदि प्रणेता पिंगल नाम के ऋषि थे अतः  छन्द को पिंगल के नाम से भी जाना जाता है . 

छन्द की परिभाषा निम्न प्रकार से की जा सकती है 

सामान्यत: वर्णों और मात्राओं की गेयव्यवस्था को छंद कहा जाता है [१]

या  

तुक , मात्रा , लय, विराम , वर्ण आदि के नियमो से आबद्ध पंक्तिया छन्द कहलाती है


छन्द के अंग 

. वर्ण - वर्ण दो प्रकार के होते है - लघु वर्ण – ह्रस्व स्वर ( अ, इ, उ, चन्द्र बिंदु ) और उसकी मात्रा से युक्त व्यंजन वर्ण को 'लघु वर्ण' माना जाता है, उसका चिन्ह  (।)  है।

 गुरू वर्ण  दीर्घ स्वर ( आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अनुस्वार और विसर्ग ) और उसकी मात्रा से युक्त व्यंजन वर्ण को 'गुरू वर्ण' माना जाता है। इसकी दो मात्राएँ गिनी जाती है. इसका चिन्ह (ऽ) है.

उदाहरणार्थ –
क, कि, र्क – लघु मात्राएँ 
का, की, कू , के , कै , को , – दीर्घ मात्राएँ

२. मात्रा - मात्रा केवल स्वर की होती है. लघु मात्रा का चिन्ह  (।)  तथा गुरू मात्रा का चिन्ह (ऽ) है. मात्रिक छंदों में मात्रा गिनकर ही छन्द की पहचान की जाती है. 

३. यति – छन्द को पढ़ते समय प्रत्येक  चरण के अंत में  ठहराना पड़ता हैं, इस ठहरने को पद्य में 'यति' कहते हैं और  गद्य में यह  'विराम ' कहा जाता है. 

४. गति – छन्दोबद्ध रचना को लय में आरोह अवरोह के साथ पढ़ा जाता है। छन्द की इसी लय को 'गति' कहते हैं।

५. पद या चरण -  छन्द की प्रत्येक पंक्ति को पद या चरण कहते है. 

६. तुक - चरण के अंत में आने वाले सामान वर्णों को तुक कहते है.

७. गणतीन–तीन अक्षरो के समूह को 'गण' कहते हैं. "यमाता राजभान सलगा" सूत्र के आधार पर इनकी संख्या आठ है. वर्णिक छन्दों की पहचान इसी आधार पर की जाती है 


    सूत्र संकेत           नाम                 मात्राएँ                उदहारण 

    यमाता             यगण                 ISS                  विद्रोही 

    मातारा             मगण                 SSS                 माताजी 

    ताराज             तगण                 SSI                  वाचाल 

    राजभा             रगण                  SIS                  डूबते 

    जभान             जगण                  ISI                  विचार 

    भानस             भगण                  SII                  नागरि

    नसल             नगण                   III                  नमन 

   सलगा             सगण                   IIS                  रहना 



छन्दों के भेद : 

छन्दों के मुख्यतः दो भेद होते है 

१.मात्रिक      २. वर्णिक 

मात्रिक छन्द : जिन छन्दों की पहचान केवल मात्राओ के आधार पर की जाती है , वे मात्रिक छन्द होते है. इनमे मात्राओ की समानता एवं संख्या पर ध्यान दिया जाता है . जैसे दोहा , चौपाई , सोरठा  आदि .

वर्णिक छन्द : जिन छन्दों की पहचान के लिए वर्णों के क्रम  का विचार किया जाता है तथा उसी आधार पर वर्णों की गणना की जाती है . इस प्रकार के छन्द में वर्णों की संख्या , क्रम और स्थानादी नियम नियंत्रित रहते है . जैसे इंद्रवज्रा , उपेंद्रवज्रा आदि 


आधुनिक हिंदी कविता के आधार पर एक तीसरे प्रकार के छन्द को मान्यता मिली जिसे मुक्तक छन्द कहा जाता है . इस छन्द के  चरणों में वर्णों एवं मात्राओ में किसी का भी ध्यान नहीं रखा जाता तथा केवल केवल लय का विधान होता है.

 



Views: 6596

Replies to This Discussion

 प्रिय अरुणेन्द्र जी ...बहुत ही उपयोगी जानकारी ....साहित्य संवर्धन  के लिए हमारा सीखना बहुत जरुरी भी है ताकि स्तर कुछ सुधारा जा सके ---बधाई ...जय श्री राधे 


भ्रमर ५ 

भ्रमर जी ..धन्यवाद् ..भारतीय छन्द विधान में सम्मलित होने के पश्चात् मुझे छन्द के विषय में जानने की जिग्जासा ने मुझसे यह लेख लिखवा लिया ....


अरुणेन्द्र जी,

सरल, स्पष्ट और समृद्ध लेख के लिए बधाई

आशा करता हूँ यह लेख एक लेख माला की सुंदर शुरुआत है और आगे भी हमें आपसे और जानकारी मिलती रहेगी
साझा करने के लिए धन्यवाद

अरुणेन्द्र जी छंद विद्या पर आपका यह प्रयास बहुत सराहनीय  है एक लाभकारी पोस्ट है बहुत बहुत आभार 

भाई अरुणेंद्र जी, छंद विधान की मूल जानकारी देता यह एक ज्ञानवर्द्धक प्रस्तुति है.

आपकी संलग्नता को हार्दिक बधाई.

उत्साह वर्धन के लिए आप सब का आभार 

dhanyvaad. mishra ji.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service