For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 24486

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

अरुण जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद

बिल् यकीं का मतलब है पक्का यकीन होना

जनाब अशफाक साहब बहुत अच्छी ग़ज़ल कही मुबारकबाद पेश करता हूँ|

अनीस जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया

आदरणीय अशफाक अली साहब, सादर अभिवादन

ओबीओ तरही मुशायरे के 100 वे अंक का बहूत  ख़ूब आगाज़ किया है आपने।

सम्पूर्ण ग़ज़ल अच्छी हुई है। आखरी दो शेर ख़ास पसंद आए।

दिली दाद और बधाई स्वीकार करें।

गजेंद्र जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

आदरणीय असफाक अली साहब गजल में जान डाल दी है आपने अच्छी गजल हुई बधाई कुबूल कीजिए

छोटे लाल जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद

मुशायरे की शुरुआत इस शानदार ग़ज़ल से करने के लिए बहुत बहुत बधाई आ असफाक अहमद साहब, शेर दर शेर मुबारकवाद कुबूल कीजिये

विनय कुमार जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

झूठ कह कर भी बिल्यकीं सच का।

आईना वो दिखा गया है मुझे।।

आंँख से अश्क अब नहीं गिरते।

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

बहुत खूब आदरणीय अशफाक अली जनाब | हार्दिक बधाई आपको |

कल्पना रौनक जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

आदरणीय गुलशन साहब, बहुत उम्दा अशआर हुए है. शेर धीमे खुलने वाले हैं लेकिन जब खुलते हैं छा जाते हैं. गिरह कमाल की है. हार्दिक बधाई.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब  ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  ग़ज़ल — 2122…"
44 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। ज़ीस्त की …"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। कर्म…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। 2122 1122 1122 22/112 दिल…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय Rachna Bhatia जी आपकी दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय: ।यही क़वाफ़ी अगर हम…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय Richa Yadav जी"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"मतले में ये क़वाफ़ी ग़लत माने जाएँगे।"
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनीत कुमार मेहता जी नमस्कार। आदरणीय, आपसे पूर्णतः सहमत हूँ कि हुस्न ए मतला में ऐसा संभव है…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service