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बहुत बहुत आभार आ शेख शहज़ाद जी, आपका सुझाव बेहतर है| इतना ध्यान देने के लिए दिल से आभार
दिल को छू लेने वाली रचना कही है आदरणीय विनय जी सर, जानवर सहित कोई भी प्रेम मिलने पर ही समझ में आता है| सादर बधाई आपको इस सकारात्मक लघुकथा के सृजन के लिए|
बहुत बहुत आभार आ चंद्रेशजी इस स्नेहिल टिप्पणी के लिए
बहुत बहुत आभार आ वीर मेहता जी, आपका स्नेह मिलता ही रहता है मुझे
बहुत बहुत आभार आ सतविन्द्र कुमार जी
आदरणीय विनय कुमार जी आप ने बहुत ही शानदार ढंग से साथी को परिभाषित करती लघुकथा लिखी है. बधाई इस शानदार लघुकथा के लिए.
बहुत बहुत आभार आ ओम प्रकाश जी
जनाब विनय कुमार साहिब ,विषय को सार्थक करती लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
बहुत बहुत आभार आ तस्दीक़ अहमद खान साहब
वाह वाह, सुंदर लघुकथा भाई विनय कुमार जी, हार्दिक बधाई।
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