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कौर के बाद कॉमा क्यों? बीवी की जली भी क्या बुरी है? खाई जाए.. :-))
बहुत खूब इमरान..वाह !
क्या भाव हैं....
''अम्मी की रोटी अब अटकती गले में बीबी की पकी खाई जाये
दो दिन न बोले बहन से सैर बीबी को हर इतवार कराई जाये'' :)
//अब हवा, प्यार मुहब्बत ही बहाई जाए,
आओ मिल जुल के कोई बात बनाई जाए.//
भाई इमरान जी! आपका यह मतला बहुत जोरदार है ...
//मेरा घर टूट के, हो जाये ना रेज़ा-रेज़ा,
लिल्लाह 'इमरान' की शादी न कराई जाए.//
इस शेअर के पीछे छुपा हुआ सन्देश शीशे की तरह साफ़ है इमरान मियाँ - बहुत खूब !
लेकिन भाई हम लोग तो आपकी शादी में आने का प्रोग्राम भी बनाए बैठे हैं - लिल्लाह उसका ध्यान ज़रूर रखना !
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