आदरणीय साथिओ,
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आंचलिक भाषा कथ्य को रोचक बना रही है पर कहीं कहीं समझने में कठिनाई भी है .. महानगरों में रोजगार की चाह में गावों से लोगों का पलायन दुखद है .. प्रदत्त विषय पर सुन्दर कथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय मनन जी
मोहतरम जनाब मनन साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघुकथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ---
गांवों से महानगरों की ओर पलायन को दर्शाती बढ़िया रचना, अगर रोजगार गांव में ही हो तो कोई क्यों जाए अपनों को छोड़कर बाहर| बधाई इस रचना के लिए
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