आदरणीय साथिओ,
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बहुत बहुत शुक्रिया आद० तेजवीर सिंह जी
आखिर ऐसा कौन माँ-बाप होंगे जो अपने बेटे को विजयी होते नहीं देखना चाहते | अन्तोगत्वा बेटे के पिता को ये प्रश्न झकझोर कर जवाब मांग रहा था कि "मै अब ताज क्यों इतना कमजोर था |" शीर्षक पर सटीक और सुंदर कह्नानी के लिए बधाई
बहुत बहुत शुक्रिया आद० लक्ष्मण रामानुज भाई जी आपका कहना बिलकुल सही है |
बहुत बहुत शुक्रिया प्रिय कल्पना भट्ट जी
बहुत बहुत शुक्रिया आद० डॉ आशुतोष जी
विषय में नवीनता है जिसके चलते प्रस्तुति काफी प्रभावी है, हाँ शुरू में कई पात्र उलझा देते हैं| बहरहाल बहुत बहुत बधाई इस सटीक और सार्थक रचना के लिए
बहुत बहुत शुक्रिया आद० विनय कुमार जी |
बहुत बहुत शुक्रिया आद० महेंद्र कुमार जी |
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