आदरणीय साथिओ,
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एक सुंदर रचना लेकिन कुछ ज्यादा ही सपाट सी हो गयी| शुभकामनायें इस रचना के लिए
‘खोई चिर्रैया’
स्कूल के पार्क में लगे दो झूले एक लाल एक पीला , हवा में हिलते हिलते आपस में बतिया रहे थे I
“ घंटी बज गई , आती होंगी सोनू मोनू I “
“दोनों जब झूलती हैं, तब कितनी ख़ुशी होती है अपने झूले होने पर , हैं ना I”
“ हाँ ss, बस ऐसे ही झूलती रहें उडती रहें हमेशा ,कभी बड़ी नहीं हों I” लाल वाला भावुक हो रहा था I
सोनू मोनू , छठी में पढने वाली दो शैतान पक्की सहेलियाँ I खाने की घंटी बजते ही हवा की तेजी से पार्क के इन झूलों पर जम जातीं I लाल वाला मोनू का , पीला सोनू का I उनके झूलों पर बैठते ही झूलों को मानो पंख लग जाते I झूले की पींगों के साथ उन दोनों के बाल लाल रिबन की कैद तोड़ हवा में तैरने लगते , यूनिफार्म तितर बितर हो उड़ने लगती और एक तरफ फेंकें जूते मोज़े , झूलों की तेज चर्र मर्र से सहमे दुबके रहते I दोनों झूले इस रोमांचक उड़ान का रोज बेसब्री से इंतज़ार करते थे I
आज मोनू ने झूलों की तरफ देखा भी नहीं , चुपचाप आकर झूलों के पास वाली बेंच पर बैठ गई I
“ चल मोनू झूलते हैं ना , क्या हो गया ? बुखार है?” मोनू की चुप्पी झेली नहीं जा रही थी सोनू सेI
“ नहीं I”
“ तो फिर ?”
“ सोनू , एक बात बताऊँ.. वो जो अंकल हैं ना जो दिल्ली से आये हैं हमारे घर , वो बहुत खराब हैं I” धीरे धीरे झिझक झिझक कर बोल रही थी मोनू I
“ वो तो तेरे पापा के फ्रेंड हैं I तेरे लिए गिफ्ट भी लाये थे कितनी सारी I ऐसे क्यों बोल रही है ?”
“ .वो गंदे हैं , बहुत बहुत गंदे , मुझे डर लगता है उनसे I” मोनू रोने लगी थी I
चुपचाप मोनू की बगल में बैठ गई सोनू I वो थोडा समझ रही थी थोडा नहीं I
पर झूलों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था I वो तो बस जोर जोर से चीख़ चीख़ कर पूछे जा रहे थे I
“ क्यों नहीं झूल रही हो तुम दोनों ? क्या हुआ ?..क्या हुआ ?”
मौलिक व् अप्रकाशित
झूले और झूलों का रंग बचपन के उत्साह ,उड़ान ,बेफिक्री के प्रतीक के रूप में किया गया है , बच्चे अक्सर अपने पसंद के रंग को लेकर बड़े जिद्दी होते हैं , यहाँ पर उसी बचपन और उसी बचपन पर अचानक ग्रहण लग जाने की बात बताने की कोशिश है I शायद इस उद्देश्य में कथा उतनी सफल नहीं हो पाई . रचना पर सार्थक टिपण्णी के लिए आभार आदरणीय सुनील जी
आभार आदरणीय उस्मानी जी फ़्लैश बैक की आवशयकता यहाँ नहीं थी क्यों कि कथा एक ही समय लंच ब्रेक में घटित हो रही है
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