आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
एक समय जब पिता के द्वारा उस पुत्र को, दुनिया में ना लाने की बात सिर्फ अपने कॅरियर पर आंच ना आये,इसलिए सोची,आज वही पुत्र अपने पिता की जान बचाने का भरसक प्रयास कर रहा हैं.बेहतरीन रचना द्वारा यह बताने का प्रयास किया हैं कि जीवन में कुछ बाते ऐसी हो जाती हैं जिनका कोइ पश्चाताप नहीं होता।हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीया कनक दी.
हार्दिक आभार प्रोत्साहन के लिए बबीता गुप्ता जी ।
आदरणीय कनक हरिअल्काजी बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई.
हार्दिक आभार आदरणीय ओमप्रकाश जी ।
जरुरी नहीं कि बेटा भी वही करे जो उसके पिता ने किया था, प्रदत्त विषय पर बढ़िया रचना. बहुत बहुत बधाई आपको
प्रोत्साहनात्मक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय विनय जी ।
डॉक्टर प्रभात रूपी पिता और स्वयं उनके पिता के चिकित्सक रूपी बेटे के साथ ही पत्नी स्नेहा के भी अंतर्द्वंद्व और दृष्टि को उभारती बहुत बढ़िया रचना के लिए हार्दिक बधाइयाँ आदरणीया कनक हरलल्का जी। सादर। शीर्षक बढ़िया है। शब्द "अंतर्दृष्टि" या "अंतर्द्वंद्व" के साथ शीर्षक बनाने के बारे में आपकी क्या राय है?
कथा को पसंद करने व उत्साहित करने के लिए हार्दिक आभार आ.उस्मानी साहब ।
आदरणीय कनक हरलालका जी आदाब,
बहुत अच्छा प्रयास । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आ. मोहम्मद साहब तहेदिल से आभार ।
ऐसी जिद, दृढ़ता और तल्खी भरी भाषा उसने पहले भी एक बार अन्य आंखों में देखी थी... इसी बच्चे के लिए ...// पिता और पुत्र की समानता अलग अलग परिपेक्ष्य में वाह। ..बहुत खूब रचना। ..हार्दिक बधाई आदरणीया कनक जी
आ. प्रतिभा जी उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |