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आदरणीया नेहा अग्रवाल जी कुछ समझ नहीं आया कहना क्या चाहते हो?
आदरणीय नेहा जी हार्दिक बधाई,आपकी लघुकथा ने प्यार की परिभाषा को एक नया ही रूप दे दिया!बेहतरीन लघुकथा!
वाह क्या बढ़िया लघुकथा। संदर्भ बदलते ही प्यार की परिभाषा भी बदलने को मजबूर हो गई। भई वाह आ. नेहा जी बधाई आपको बहुत बहुत।
प्यार की अलग अलग परिभाषा ...बहुत खूब अच्छी लघु कथा हुई है नेहा जी ,हार्दिक बधाई लीजिये
इंतजार जिसके आने का बडी शिद्दत से किया वोतो किसी और का निकला । कथा में संवेदना का संवहन बहुत ही अच्छी हुई है लेकिन सदेश देने में कथा कहीं तो जरा छूट सी गई । क्या कहना है और कैसे कहना है ...ये दोनों संप्रेषण गजब की हुई है लेकिन क्यों कहना है..ये भाव कमजोर हो गया ,जिसके कारण कथा अपने श्रेष्ठतम होने की सीमा- रेखा को छूते -छूते रह गई है । इसमें कहीं से भी दो राय नहीं कि आप क अच्छी लघुकथाकारा है । कभी कभी ऐसाहो जाता है । मै चाहती हूं कि इसके बीच की पंक्ति में एक- दो छोटे शब्द रोपित करें और कथा को आप श्रेष्ठतम की सीमा -रेखा में ले जाये । आभार
प्रतीक्षा की समाप्ति की सुगबुगाहट को कटु यथार्थ की सच्चाइयों से कैसे झटके मिलते हैं ! ऐसे किसी कथ्य का निर्वहन तनिक और संयत प्रयास मांगता है, आदरणीया नेहाजी. परन्तु निस्संदेह आपका प्रयास सार्थक है. सहभागिता और प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाइयाँ.
वैसे, परिभाषा शब्द को बलात परीभाषा क्यों कर दिया है आपने ?
शुभेच्छाएँ
प्यार की परिभाषा समझाने का अलग ही अंदाज बताती सुंदर लघु कथा के लिए बधाई आ. नेहा अग्रवाल जी
दुर्गन्धयुक्त सड़न (परिभाषा )
"गुरुजी , आप कितना बढ़िया मार्गदर्शन करते हैं हम शोध छात्रों का और कितना ख्याल रखते हैं ।"
"हाँ ,तुम्हारा तो मैं विशेष ध्यान रखता हूँ ।तुममे अपार क्षमता हैं ।तुम अगर चाहो तो मैं क्षणों में तुम्हारा शोध पूरा करवा दूँ।"
"वो कैसे गुरूजी ?"
"बस मैं ना सुनने का आदि नहीं हूँ ,मेरी बात काटना और हर बात पर क्या , क्यों पूछना छोड़ दो ।" अजीब सी निगाहों से घूरते हुए कहा
रेवा को गुरूजी की निगाहो में निश्छल स्नेह के स्थान पर वासना से अभिभूत अनेको कीड़े बिलबिलाते नजर आने लगे और उन निगाहों से तार -तार होती गुरु-शिष्य की उत्कृष्ट परिभाषा दुर्गन्धयुक्त सड़न में परिवर्तित हो रही थी।
मौलिक एवम् अप्रकाशित
पवित्रता के उच्चासन पर विराजित गुरु और शिष्य का नाता ..इसमें कलुषित भाव मिलाना निस्संदेह भत्सना योग्य है.. हार्दिक शुभकामनायें अर्चना दीदी..
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