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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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आपका फोटो में न दीखना इस फोटो की कमी है, आदरणीय समर साहब. 
जहाँ तक मुझे याद आ रहा है यह तुरत-फुरत में बन गयी योजना थी और जो जहाँ था वहीं से इस ग्रुप में एक-एक कर शामिल होता चला गया. आप संभवतः तब हॉल में कुछ देर के लिए न रहे हों, बाहर गये हों. होना तो यह चाहिए था कि ऐसे ग्रुप फोटो बकायदा तैयारी के साथ लिये जाते. ताकि हरसंभव कोई छूटने न पाता. वैसे बहुत कुछ पर निग़ाह थमी थी, जिसे हम सामुहिक तौर पर कुछ और बेहतर ढंग से सम्पन्न कर सकते थे. खैर, जो हुआ वह सब ’सीखने’ के नाम. यह भी ’सीखने-सिखाने’ की क्रिया है.

सादर

 

हुज़ूर, आप बाकायदा इस खादिम को बताकर नमाज़ अदा करने चले गए थेI  

आदरणीय योगराज सर, स्थिति स्पष्ट करने के लिए हार्दिक आभार। इधर तो मैं आत्मसमीक्षा और हो चुकी अपनी गलतियों को गिनते गिनते परेशान हूँ। सादर
उलझन रफ़ा हो गई जनाब योगराज प्रभाकर साहिब,याद आगया में आपसे इजाज़त लेकर नमाज़ अदा करने चला गया था,खेर यार ज़िंदा सोहबत बाक़ी ।

चलिए आज प्रधान जी ने उलझन सुलझा दी. आपने पूछा था तब से कई बार फ्लेश बेक में जाने पर भी मैं नहीं जान पा रहा था आप कहाँ रह गए थे आदरणीय समर कबीर साहब. सादर नमन.

सीखने सिखाने के क्रम में एक इज़ाफ़ा और सही जनाब सौरभ पांडे साहिब,वैसे इस बात पर मुझे पुख़्ता यक़ीन है कि इस तस्वीर में नहीं लेकिन ओबीओ के दिल में तो मेरी तस्वीर महफूज़ है, किसी ने क्या ख़ूब कहा है:-
कोट की
"दिल के आईने में है तस्वीर-ए-यार
जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली"

हनुमान जी की तरह सीना फाड़ कर दिखाऊँ क्या साहिब जी ? हमारे दिल में आप ही आप हैं.

पत्रिका "शुक्ल पक्ष" में भोपाल साहित्योत्सव की रपट व समूह चित्र प्रकाशित होने पर पत्रिका संपादक मंडल के प्रति हार्दिक आभार और ओबीओ परिवार को हृदयतल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।
जन्मदिन की वर्षगाँठ पर हृदयतल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको मोहतरम जनाब गिरिराज भंडारी साहब।

जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ आ० गिरिराज भंडारी जी

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी को जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएँ 

आदरणीय गिरिराज सर जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें।

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