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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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आद० समर भाई जी ,पढ़कर इतनी ख़ुशी हो रही है की शब्द नहीं हैं मेरे पास आप इन सब क्या इससे भी ज्यादा सम्मान के हक़दार हैं हम सौभाग्यशाली हैं की आप हमारे ओबिओ परिवार की जाँ हैं आपको  दिल से बहुत बहुत मुबारकबाद ..

बहन राजेश कुमारी जी आदाब,ये सौभाग्य तो मेरा है कि मैं ओबीओ परिवार में हूँ ,मैं जानता हूँ आपको बहुत ख़ुशी हुई होगी ,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय गुरूदेव समर कबीर साहब, आज आपके बारे में पढ़ा, बहुत उत्कंठा भी थी आपको जानने की, अच्छा लगा, आप जैसा नेक दिल इंसान से खुदा ने हमे मिलाया, यह हमारी खुशकिस्मती है। आप तमाम परेशानियो के बावजूद जितनी सिद्दत से हम सबको राह दिखाते है, वह आने वाली पीढियो के लिए एक उदहारण है, मेरी परमपिता से एकहि गुजारिश है, कि आप सदा यूँही प्यार बाटते रहे, और स्वस्थ बने रहे। आपके उपलब्धि पर हमारी बधाई निवेदित है।
प्रिय अनुज मैं आपके जज़्बात की क़द्र करता हूँ,सलामत रहो ।

आदरणीय समर कबीर जी, 

       इस उपलब्धि पर हम सबको नाज है साहित्य के प्रति अनुराग और समर्पण का यह इनाम  हम सबके लिए प्रेरणा का  स्रोत है जीवन में आप जैसों का सानिध्य और मार्गदर्शन से लाभान्वित होकर हम अपने आपको भाग्यशाली मानते है  आदरणीय  सादर  बधाई  

जनाब सत्यनारायण सिंह जी आदाब,ये मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे ओबीओ जैसा परिवार नसीब हुआ,आपके स्नेह के लिये दिल की गहराइयों से बहुत बहुत धन्यवाद ।

आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, मशहूर शायर जनाब जहीर कुरैशी साहब ने आपके विषय में बहुत सच्चाई से लिखा है आपकी तारीफ़ के कहीं उनकी कलम तंग नहीं दिखी. फिर सच्चाई यह भी है की जब खुश्बू फैलती है तो कौन उसे रोक पाता है. आपकी ख्याति दिनों दिन और फैले यही मेरी हार्दिक कामना है. जनाब जहीर कुरैशी साहब का बहुत-बहुत शुक्रिया और आपको दिल से बधाई. सादर.

जनाब अशोक कुमार रक्ताले साहिब आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर कबीर साहब, दिल की गहराइयों से मुबारकबाद। आपकी क्षमता कमाल की है और अदब को ले कर आपका जुनून न केवल श्लाघनीय है, बल्कि अनुकरणीय भी है। समावर्तन के अंक मेरे पास आते हैं। उस में भी ज़हीर भाई का आपको लेकर दिया गया परिचयात्मक आलेख ! भाईजी, इसे कहते हैं, सोने जैसी धातु में सुहागा की गंध ! आप यों ही कामयाब रहें और हमारे लिए गर्व के क्षण उपलब्ध कराते रहें।

पुनः हार्दिक बधाइयाँ और अशेष शुभकामनाएँ

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब,मैं तो इसे ओबीओ का ही पुरुस्कार मानता हूँ,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

ओ बी ओ मंच एवम सभी मित्रों को लोहड़ी उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। 

जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

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