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(उर्दू हिन्दी कोष . जमाल अहमद,डा. रिजवान अहमद प्रकाशक- रामनारायणलाल अरुण कुमार इलाहाबाद)
शेष आप अधिक जानकार हैं । मैं आपकी बात का विरोध नहीं कर रहा । मैं केवल अपनी जानकरी साझा कर रहा हूँ । ज्ञान वर्धन हेतु बेहतरीन कोष सुझाइये ।
जनाब मद्दाह साहिब का शब्दकोष बहतर है ।
आ. भाई समर जी आभार । यदि प्रकाशन भी बता दें तो सुविधा होगी।
वाह वाह. प्रदत्त विषय पर बेहद खूबसूरत गजल कही है आ० लक्ष्मण धामी भाई जी. शेअर दर शेअर मुबारकबाद और दाद हाज़िर है.
आ. भाई योगराज जी, सादर अभिवादन । आपकी स्नेहमयी प्रशंसात्मक उपस्थिति से लेखन सफल हुआ । हार्दिक आभार । मार्गदर्शन करते रहिए...
आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने, विषयानुकूल भी। इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार कीजिये
आ. भाई सुरेंद्र जी, उत्साहवर्धन के लिए आभार ।
बहुत ही भावपूर्ण उम्दा प्रस्तुति। हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' साहिब।
आ. भाई शेख सहजाद जी, स्नेहाभिव्यक्ति के लिए आभार ।
हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी। बेहतरीन गज़ल।
आ. भाई तेजवीर जी, हार्दिक आभार ।
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