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बतकही ( गपसप ) अंक 6बतकही ( गपसप ) अंक 6 लछुमन भाई के चाय दुकान पर गहमा गहमी रहुऐ बाकिर लछुमन भाई के चेहरा उतरल रहुऐ, हमरा के देख के उ ब़ोलुअन प्रणाम गुरु जी ब… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 13, 2011 Reply by Saurabh Pandey |
भक्त अपने भगवान से.भक्त अपने भगवान से. खेल खेलिला राउर नज़ारा रहल, हम नाचीं ला राउर इशारा रहल. चाहे प्यारा रहल या किनारा रहल, जे बा आईल राउरे सहारा रहल. चाहे… Started by R N Tiwari |
0 | Jun 10, 2011 |
बतकही ( गपसप ) अंक 5 बतकही ( गपसप ) अंक 5 लछुमन भाई के चाय दुकान बंद रहे उनकर दुकान के सामने रोज के अपेक्षा लोग कम रहे, आदत के अनुसार हम उहा पहुच गईनी हमरा… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 8, 2011 Reply by Neelam Upadhyaya |
फूट फूट के रोवत बाड़ी महतारी भारती,फूट फूट के रोवत बाड़ी महतारी भारती, कईसन कुलछना के माई हम कहइनी, बे शरमा इ मूंग दरत बा माई के हो छाती, हमरा त इ लागत बाटे होगइल कुल घाती… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 6, 2011 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
दुधवा के जगे जहा, मरवा पिआवे ली,दुधवा के जगहां जहा, मड़वा पियावे ली, वोकरा के गरीब कही, मति दुत्करीह | अपने ना खाली कुछु, बचवा ला धरी देली, माई के मनवा के , जनि तू टटोलिह… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Jun 6, 2011 |
तू इ कईसन फसवलsssबाबा हो बाबा , तू इ कईसन फसवलs, चोर से कहत बाड़, चोरी ना करे खातिर, अगर चोरी कर लिहलस, चाही कानून सजा देबे खातिर, दुबिधा में डाल के, माथा घ… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 5, 2011 Reply by Rash Bihari Ravi |
सुरु बा अनशन आज से ,सरकार से वार्ता बेनतीजा , सुरु बा अनशन आज से , सोचे के इ बात बाटे , का मिली ये आगाज से , फिर सरकार के कोई मंत्री , झूठा वादा कर जईहन , मि… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Jun 4, 2011 |
हमरा देशवा के बड़ाई हमके निक लागेला,निक लागेला हमके निक लगेला , हमरा देशवा के बड़ाई हमके निक लागेला, सुनले बानी लोग कहेला इ रहे सोना के चिड़िया, पहिले मुग़ल फिर अंग्रेज एके मिटव… Started by Rash Bihari Ravi |
0 | Jun 3, 2011 |
तू जवन मन करे उ कर ल ,तू जवन मन करे उ कर ल , बाकिर हम अपना मन के करबे करब , चाहे तू जेतना उड़ ल , तोहार पंख के हम रंगबे करब , तू अपना के होशियार बुझेल , तोहार ह… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 2, 2011 Reply by Neelam Upadhyaya |
बतकही ( गपसप ) अंक ४बतकही ( गपसप ) अंक ४ हम जइसे लछुमन भाई के चाय दुकान पर पहुचनी लछुमन भाई फटाक से पेपर हमारा के देदेले , लागत रहे जइसे उ हमार इंतजार करत रहू… Started by Rash Bihari Ravi |
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Jun 1, 2011 Reply by Rash Bihari Ravi |
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