For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धार्मिक साहित्य Discussions (166)

← Back to धार्मिक साहित्य
Featured Discussions

सदस्य टीम प्रबंधन

मकर-संक्रान्ति पर विशेष

  भारत वस्तुतः गाँवों का देश है. यहाँ के गाँव प्रकृति और प्राकृतिक परिवर्त्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं, बनिस्पत अन्य भौतिक कारणों से. च…

Started by Saurabh PandeyLatest Reply

Discussions Replies Latest Activity

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकि महर्षि वाल्मीकि का जन्म महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है कोई कहता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप…

Started by PHOOL SINGH

0 Apr 1

#सरसी_छन्द, उपहार

स्वार्थहीन अनुराग सदा ही,देते हो भगवान।निज सुख-सुविधा के सब साधन,दिया सदा ही मान। अपनी सूझ-बूझ से समझी,प्रतिपल मेरी चाह,इस कठोर जीवन की तु…

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

3 Jan 25
Reply by Shyam Narain Verma

रास छंद "कृष्णावतार"

(रास छंद) हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके त…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

3 Jan 25
Reply by Shyam Narain Verma

#लावणी_छन्द, निधिवन

लता,फूल,रज के हर कण में,नभ से झाँक रहे घन में,राधे-कृष्णा की छवि दिखती,वृन्दावन के निधिवन में। प्रेम अलौकिक व्याप्त पवन में,प्रणय गीत से ब…

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

3 Jan 25
Reply by Shyam Narain Verma

सदियों का वनवास अंत कर

गीत पुलकित तन से पुलकित मन से, नाच रहे है जन जन सारे।सदियों  का  वनवास  अंत  कर, सकल  राष्ट्र में राम पधारे।**राजनीति ने करवट  ली  तो, हर …

Started by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

1 Jan 25
Reply by Shyam Narain Verma

पुरुषोत्तम श्री राम

श्री राम के जैसा चरित्र न मिलता चाहे ढूँढ लो इस जहान में मर्यादा की जो साक्षात मूर्ति, न उनसे बड़ा कोई ज्ञान में।।   शिव का क्रोध और दुर्ग…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 24

राम मंदिर

  राम मंदिर   राम व्यापक राम विश्वात्मा हर जीव में है राम बसा जन्मभूमि श्री राम कहलाती, भव्य मंदिर एक वहाँ बना।।   देश की आत्मा देश की आस्थ…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 23

वैंकुंठधाम आगमन

काल का नियम कठोर है होता सभी को इसको वरना हो श्री राम अछूते रह सके न, क्या मानव जीवन का वर्णन हो||   आते साधू रूप में काल देवता श्री राम स…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 18

क्या युद्ध निश्चित था?

क्यूँ रोकते द्रौपदी को जब कर्ण लक्ष्य भेद में माहिर था अपमान कराते द्रौपदी से उसका, जानते थे वो ज्येष्ठ पुत्र है कुंती का||   युद्ध से पहल…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 15

कर्ण का विवाह

प्रथम रुषाली कर्ण की पत्नी जिसे पितृ इच्छा से पाता दूसरी कहलाती सुप्रिया, खास भानुमती से जिसका नाता||   अंसावरी को वही बचाता था आतंकवादियों…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 8

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service