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आज नवरात्री के प्रथम दिन माँ भगवती के चरणों में ये शब्दान्जली....तोरे भुवन माई आए हैं.... कर दो, कर दो दया महारानी || [१] तुमने दुखियों के दुःख तारे, … Started by डॉ. नमन दत्त |
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Mar 13, 2013 Reply by Dr.Prachi Singh |
तरस गईयाँतरस गईयाँ मेरी अखियाँ तरस गईयाँ घर आ जा ओ सांवरिया-3 तेरी याद च बरस गईयाँ घर आ जा ओ सांवरिया मेरी अखियाँ तरस ------ (1) दुनियाँ कैहंदी त… Started by Deepak Sharma Kuluvi |
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Jan 16, 2013 Reply by rajesh kumari |
असां जोगी हो जाणाअसां जोगी हो जाणा रास न आयी दुनियांदारी,झूठा ठौर ठिकाणाअसां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 रास न आयी दुनियांदारी ------------------ (1) त… Started by Deepak Sharma Kuluvi |
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Dec 18, 2012 Reply by Deepak Sharma Kuluvi |
यमद्वितीया-चित्रगुप्त पूजन पर: चित्रगुप्त भजन --संजीव 'सलिल'यमद्वितीया-चित्रगुप्त पूजन पर:चित्रगुप्त भजन संजीव 'सलिल'*तुम हो तारनहार*तुम हो तारनहार, परम प्रभु तुम हो तारनहार... *निराकार तुम, चित्र गु… Started by sanjiv verma 'salil' |
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Dec 4, 2012 Reply by sanjiv verma 'salil' |
तेरे खेल नरालेबाबा बालकनाथ भजन तेरे खेल नराले तेरे खेल नराले ओ बाबा पौणाहारियापौणाहारिया बाबा दूधाधारिया-2तेरे खेल निराले ओ बाबा पौ----(1) धौलगिरी ते… Started by Deepak Sharma Kuluvi |
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Nov 26, 2012 Reply by Deepak Sharma Kuluvi |
हरिगीतिकाबलवंत, भय-संकटहरण प्रभु, पवनसुत हनुमान हैं। श्रीराम को उर में धरे तप, वीरता के प्राण हैं॥ शिवरूप, दाता ज्ञान के कपि, आप ही गुणवान हैं। से… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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Nov 12, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
माता दुर्गा ये वरदान देतुझसे शक्ति मिले, तेरी भक्ति मिले,माता दुर्गा ये वरदान दे | माता हम तेरे बेटे अज्ञानीतेरी पूजा का ढंग नहीं जानें,तूने ममता से पाला है हमको… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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Nov 12, 2012 Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
हनुमान आराधना (रोला छंद पर आधारित)जय जय श्री हनुमान, शरण हम तेरी आये |हे अंजनि के लाल, कुसुम श्रद्धा के लाये ||जग में सारे दीन, एक तुम ही हो दाता |तेरा सच्चा भक्त, सदा सुख… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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Nov 12, 2012 Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
भजनभजन तेरी किरपा जिसपे माता दौड़ा दौड़ा आये चरण रज माथे लगा जीवन सफल बनाये तू दयालू रक्षा करती दारिद्र दुःख सारे हरती तू जगदम्बा तू भवानी… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
0 | Nov 8, 2012 |
करले नैय्या पार (दोहे)उपजता द्वेष मन में, क्रोध करो जब आप, क्रोध आवे जब मन में, करों राम का जाप | मोह जाल में फंस गये, रहे न कोई साथ, अकड़े म… Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
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Nov 8, 2012 Reply by Dr.Prachi Singh |
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