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धार्मिक साहित्य Discussions (166)

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तरस गईयाँ

तरस गईयाँ   मेरी अखियाँ तरस गईयाँ घर आ जा ओ सांवरिया-3 तेरी याद च बरस गईयाँ घर आ जा ओ सांवरिया मेरी अखियाँ तरस ------ (1) दुनियाँ  कैहंदी त…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

1 Jan 16, 2013
Reply by rajesh kumari

असां जोगी हो जाणा

असां जोगी हो जाणा रास न आयी दुनियांदारी,झूठा ठौर ठिकाणाअसां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 रास न आयी दुनियांदारी ------------------ (1) त…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Dec 18, 2012
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

यमद्वितीया-चित्रगुप्त पूजन पर: चित्रगुप्त भजन --संजीव 'सलिल'

यमद्वितीया-चित्रगुप्त पूजन पर:चित्रगुप्त भजन संजीव 'सलिल'*तुम हो तारनहार*तुम हो तारनहार, परम प्रभु तुम हो तारनहार... *निराकार तुम, चित्र गु…

Started by sanjiv verma 'salil'

2 Dec 4, 2012
Reply by sanjiv verma 'salil'

तेरे खेल नराले

बाबा बालकनाथ भजन तेरे खेल नराले   तेरे खेल नराले ओ बाबा पौणाहारियापौणाहारिया बाबा दूधाधारिया-2तेरे खेल निराले ओ बाबा पौ----(1) धौलगिरी ते…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Nov 26, 2012
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

हरिगीतिका

बलवंत, भय-संकटहरण प्रभु, पवनसुत हनुमान हैं। श्रीराम को उर में धरे तप, वीरता के प्राण हैं॥ शिवरूप, दाता ज्ञान के कपि, आप ही गुणवान हैं। से…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

5 Nov 12, 2012
Reply by Saurabh Pandey

माता दुर्गा ये वरदान दे

तुझसे शक्ति मिले, तेरी भक्ति मिले,माता दुर्गा ये वरदान दे | माता हम तेरे बेटे अज्ञानीतेरी पूजा का ढंग नहीं जानें,तूने ममता से पाला है हमको…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

6 Nov 12, 2012
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

हनुमान आराधना (रोला छंद पर आधारित)

जय जय श्री हनुमान, शरण हम तेरी आये |हे अंजनि के लाल, कुसुम श्रद्धा के लाये ||जग में सारे दीन, एक तुम ही हो दाता |तेरा सच्चा भक्त, सदा सुख…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

25 Nov 12, 2012
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

भजन

भजन  तेरी किरपा जिसपे माता दौड़ा दौड़ा आये  चरण रज माथे लगा जीवन सफल बनाये  तू दयालू रक्षा करती दारिद्र दुःख सारे हरती  तू जगदम्बा तू भवानी…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

0 Nov 8, 2012

करले नैय्या पार (दोहे)

    उपजता द्वेष मन में, क्रोध करो जब आप,         क्रोध आवे जब मन में, करों राम का जाप |     मोह जाल में फंस गये, रहे न कोई साथ,   अकड़े म…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

3 Nov 8, 2012
Reply by Dr.Prachi Singh

वंदना माँ शारदे से घनाक्षरी छंद के रूप में

वंदना माँ शारदे से घनाक्षरी छंद के रूप में मचा ऐसा कोहराम, बढ़ रहा पाप काम आग लगी धाम धाम, मेरी माता शारदे करते हैं तेरे नाम, फालतू के ताम…

Started by SANDEEP KUMAR PATEL

0 Oct 19, 2012

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"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
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"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

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