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बातिल को नज़र से ही गिरा क्यों नहीं देते
आईना उसे सच का दिखा क्यों नहीं देते//1
अब ऐब तुम्हारा तो नज़र आने लगा है
अफ़वाह नई कोई उड़ा क्यों नहीं देते//2
क्या बेच नहीं पा रहा अपनी अना को वो
अख़बार कोई उसको पढ़ा क्यों नहीं देते//3
महफ़िल में तमाशा न करो ऐ मेरे मुंसिफ़
क़ातिल तो वहीं पर है सज़ा क्यों नहीं देते//4
क्या प्यार सभी क़ौम से है उसको अभी तक
टीवी पे नई बहस दिखा क्यों नहीं…
Posted on March 12, 2019 at 1:13pm — 8 Comments
2122 2122 2122 212
आंच आई गर कभी इस देश के अभिमान पर
बच्चा बच्चा मर मिटेगा अपने हिंदुस्तान पर//1
ये तिरंगा झुक नहीं सकता किसी के सामने
सर कटा देंगे हम अपना इसकी ऊंची शान पर//2
चाहे जितनी मुश्किलें आएं हमारी राह में
दाग़ हम लगने न देंगे देश के सम्मान पर//3
जीत लेंगे जंग हम दुश्मन लड़े चाहे जहां
ख़ौफ़ बरपा हम करेंगे शत्रु की मुस्कान पर//4
ज़ुल्म हम करते नहीं पर ज़ुल्म सहते भी नहीं
है भरोसा हमको अपने शांति के…
Posted on March 7, 2019 at 10:30pm — 2 Comments
2122, 1122, 1122, 22/112
सुर्ख़रू शोख़ बहारों सा चहक जाओगे
इश्क़ के बाग़ में आओ तो गमक जाओगे
गर इरादे हुए हैं बर्फ़ से ख़ामोश तो क्या
गर्मी-ए-इश्क़ में आ जाओ दहक जाओगे
इश्क़ की ताब का अंदाज़ा भला है तुमको
इसकी ज़द में ही फ़क़त आओ लहक जाओगे
रौनक-ए-इश्क़ की ताक़त को न ललकारो तुम
ख़ूब ज़ाहिद हो मगर तुम भी बहक जाओगे
इश्क़ ख़ुश्बू है इसे बांधने की ज़िद न करो
इसमें घुल जाओ तो दुनिया में महक जाओगे
इश्क़ के रंग व…
ContinuePosted on January 23, 2019 at 5:30pm — 7 Comments
122 122 122 122
ग़ज़ल
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है दुनिया में कितनी रवानी न पूछो
महकती है कितनी कहानी न पूछो
इसे चाँद के पार जाना था मिलने
कहाँ रह गई ज़िंदगानी न पूछो
रहा दर बदर आशिक़ी का मैं मारा
गई बीत कैसे जवानी न पूछो
तेरे इश्क़ में मैंने गोता लगाया
मिली मुझको क्या क्या निशानी न पूछो
मुहब्बत की रस्में निभाते निभाते
रहा चश्म में कितना पानी न पूछो
कभी ग़म के बादल कभी सर्द आहें
पड़ीं कितनी बातें भुलानी न…
Posted on January 19, 2019 at 4:07pm — 8 Comments
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