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SYED BASEERUL HASAN WAFA NAQVI
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SYED BASEERUL HASAN WAFA NAQVI's Blog

हमारे दिल के ही महमान थे

 हमारे दिल के ही महमान थे   

  कभी तुम भी हमारी जान थे 

 

 बिछड़ते…

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Posted on April 22, 2011 at 8:00pm — 2 Comments

कहाँ कहाँ से बचा कर निकालते खुद को

कहाँ कहाँ से बचा कर निकालते खुद को
हरेक मोड़ पै कैसे संभालते खुद को

हमारी आँख से दरया कई रवाँ होते
जो आँसुओं की फ़िज़ाओं मैं ढालते खुद को

किसी पै तंज़ की हिम्मत कभी नहीं होती
ज़रा सी देर कभी जो खंगालते खुद को

बड़े ही ज़ोर से आकर ज़मीन पर गिरते
जो आसमान की जानिब उछालते खुद को

बहुत गुरूर है तुमको चिराग होने पर
कभी मचलती हवाओं मैं पालते खुद को

Posted on October 20, 2010 at 9:30pm — 2 Comments

कश्ती का है क़ुसूर न मैरा क़ुसूर है

कश्ती का है क़ुसूर न मैरा क़ुसूर है

तूफान है बज़ीद के डुबोना ज़रूर है


जो मैरे साथ साथ है साए की शक्ल मैं

महसूस हो रहा है वही मुझ से दूर है


मोजों का यह सुकूत न टूटे तो बात हो

दरया मैं डूबने का किसी को शऊर है


देखा है जब से तुमको निगाहों मैं बस गये

हद्दे निगाह सिर्फ़ तुम्हारा ज़हूर है


दामन मैं सिर्फ़ धूप के दरया समाए हैं

सहरा को इस वजूद पे फिर भी गुरूर है

Posted on October 17, 2010 at 7:00pm

आँखों मैं चले आना सीने मैं उतर जाना

आँखों मैं चले आना सीने मैं उतर जाना
तुम दर्द अगर हो तो फिर मुझ मैं बिखर जाना

रस्ता ना बताए गा मंज़िल के इलाक़े को
तुम खूब समझते हो तुमको है किधर जाना

वो आग उठा लाया सूरज के इलाक़े से
मैने था कभी जिस को साए का शजर जाना

रुकती हैं कहाँ जाकर यह इल्म नहीं कोई
हमने तो हवाओं को मसरूफ़े सफ़र जाना

ए शाम के शहज़ादो क्यूँ जश.न मैं डूबे हो
क्या तुमने अंधेरों को सामने सहर जाना

Posted on October 16, 2010 at 10:30pm — 1 Comment

Comment Wall (8 comments)

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At 1:23am on February 12, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 11:33am on February 12, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 7:55pm on October 26, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
dhanybaad bhai....ye to mera saubhagya hai ki aapki rachna par comment karne ka avasar mila......

waise aapne jo ye line likha hai ki "dua me yaad rakhna"
mujhe bhi ye lines bahut pasand hai ajay devgan hai..ye to ab mera takia kalaam hota jaa raha hai....

chaliye badhiya hai aisehi likhte rahen.....
bas duaon me yaad rakhna...
At 11:46am on October 20, 2010, Hilal Badayuni said…
shukriya bhai wafa sahab
At 5:31pm on October 8, 2010, sanjiv verma 'salil' said…
nazare inaayat hai aapkee.
At 9:01am on October 1, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 7:33pm on September 30, 2010, Admin said…

At 7:09pm on September 30, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

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