ग़ज़ल(दीप जला कर रखना)
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फाइलातुन -फइलातुन-फइलातुन-फेलुन
इसको दुनिया की नज़र बद से बचा कर रखना |
अपने दिल में ही मुहब्बत को छुपा कर रखना |
नीम शब आऊंगा मैं कैसे तुम्हारे घर पर
जाने मन बाम पे इक दीप जला कर रखना |
क्या खबर ख्वाब की ताबीर बदल जाए कब
मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर रखना |
डर है बद ज़न कहीं अह्बाब न कर दें उनको
अपने जज़्बात को दिल में ही दबा कर रखना…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on January 6, 2017 at 10:50pm — 15 Comments
ग़ज़ल(तुम सदा मुस्कराना नये साल में )
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(फाइलुन -फाइलुन -फाइलुन -फाइलुन)
क़ौले उलफत निभाना नये साल में |
मुझ को मत भूल जाना नये साल में |
क्यूँ हैं बाहर खड़े घर में आ जाइए
कीजिए मत बहाना नये साल में |
हाथ ही मिल सके अपने बीते बरस
दिल को दिल से मिलाना नये साल में |
इक कॅलंडर नया घर की दीवार पर
है ज़रूरी लगाना नये साल में |
सिर्फ़ गमगीन आशिक़…
ContinueAdded by Tasdiq Ahmed Khan on January 1, 2017 at 5:50pm — 16 Comments
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