2122 2122 2122 2122
इस जमाने में हमे तुमकेा बुलाना भी नहीं हैं
तड़पते ही रहे मगर जख्म दिखाना भी नहीं है
चाँद छुप छुप जा रहा क्यों बादलो के संग देखो
राज की ये बात बेवफा को बताना भी नहीं है
दर्द ही हमको मिला जो दिल लगाया था किसी से
जख्म जो दिल पर लगे उन्हे दिखाना भी नहीं है
आई फिर ना वो बहारे जो चली इस बार गई पर
दर्द फूलो का बहारो को बताना भी नहीं है
नाम भी बदनाम उसका प्यार में ना…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 31, 2014 at 8:00pm — 11 Comments
दिल से प्यार
रूह से प्यार
प्रतिक ताजमहल
सीता,सती,अनुसुईया
बाते किताबों की
आज का प्रेम तन
वासना, भूख
अंहकार,पुरूषार्थ का
अपमान सहे कैसे
खोजे सूनी राह
शांत गलीयाँ
लूटे अस्मत,
इज्जत तार तार
अबला देख रही थी सपने
दिखा रही सपने
कर गुजरने की चाहत
सीखने सीखाने की चाहत
पर अब अंधकार में कैद
लाख साथ जमाना
साथ में ताना
क्यों क्या कैसे
दिल को भेदते…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 12, 2014 at 10:25am — 6 Comments
अपनो से दूर
अपने पराये
पराये अपने
चुटकी भर
सिंदूर से
पास मेरे
तन मन
अर्पण
मैं सुखी
उसकी खुशी
हर चाहते
सपने उमंग
चेहरे पर तेज
हर पल साथ
साँसो के साथ
मेरे अपने
उसके अपने
निर्स्वाथ सेवा
हम दो शब्द
प्यार के नहीं
जज्बातो से खेलते
हर सपने तोड़ते
शिव है हम
मगर वह सीता
सह गयी जुल्म
मगर ना मिला
राम को…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 7, 2014 at 11:00pm — 18 Comments
अंजान जिन्दगी से
उड़ती पतंगो की तरह
सोलह बसंत पार
चली साजन के घर
सजाये सपने प्यार के
चाहत के अरमान के
मगर तबाह हुई
जिन्दगी मेरी
उनके झूठ से
राम कृष्ण के वंशज
जमाना कर्जदार
बेटा परिवार का दिवाना
परदेश कमाता
परिवार का रखवाला
शर्मीला,शांत, सुशील
बड़े अरमान से पाला
सर्वगुण सम्पन्न है
क्या क्या सुनी कहानी
सपनो को मिली हवा
हकीकत हकीकत थी
ना छुट पायी…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 4, 2014 at 3:00pm — 13 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |