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Satish mapatpuri's Blog – January 2011 Archive (4)

सॉरी सर (कहानी )अंक-4

सॉरी सर (कहानी )
लेखक - सतीश मापतपुरी
अंक-4 
 -------------- गतांक से आगे -------------------------
प्रो. सिन्हा के फ़ोन उठाते ही उधर से आवाज़ आई थी --- "मैं आपको एक बहुत बूरी खबर दे रहा हूँ प्रो.साहेब,जिस प्लेन 
से सोनाली सरकार आ रही थीं---------------…
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Added by satish mapatpuri on January 17, 2011 at 3:30pm — No Comments

सॉरी सर (कहानी )अंक -3

सॉरी सर (कहानी )
लेखक - सतीश मापतपुरी
अंक -3
-------------------- गतांक से आगे ----------------------------
"जी नहीं, सोनाली घोष." प्रो. सिन्हा ने आज बड़े गौर से उस लड़की की आँखों में देखा.मनोविज्ञान के विशेषज्ञ
के लिए उस लड़की की आँखों की…
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Added by satish mapatpuri on January 14, 2011 at 3:30pm — No Comments

सॉरी सर (कहानी ) अंक - 2

सॉरी सर (कहानी )
लेखक - सतीश मापतपुरी
अंक - 2
---------------- गतांक से आगे ----------------------------------
इस छोटे से पत्र के समक्ष उन्हें जीवन के…
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Added by satish mapatpuri on January 13, 2011 at 4:00pm — 2 Comments

सॉरी सर (कहानी ) अंक -१

सॉरी सर (कहानी )
लेखक - सतीश मापतपुरी
अंक - १
मनोविज्ञान का ज्ञाता होना अलग बात है,अपनी मनोदशा पर नियंत्रण पा लेना  बिल्कुल  अलग बात.शायद मन का भाव चेहरा पर लिख जाता है अन्यथा प्रो.सिन्हा से   प्रो.वर्मा. यह नहीं पूछ बैठते------"कुछ परेशान दिख रहे हैं
सिन्हा साहेब, क्या बात है?"
"नहीं तो,परेशानी जैसी कोई बात नहीं है." और एक मरियल सी मुस्कान प्रो.सिन्हा के सूखे होठों पर अलसाई
सी पसर गई.संभवत: आदमी ही सृष्टि…
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Added by satish mapatpuri on January 5, 2011 at 5:00pm — 2 Comments

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