तुम्हारे इश्क ने मुझको,
क्या क्या बना दिया...
कभी आशिक,कभी पागल-
कभी शायर बना दिया।।
अब इतने नाम हैं मेरे,
कि मैं खुद भूल जाता हूँ...
कोई कुछ भी पुकारे मुझको-
मैं बस मुस्कुराता हूँ।।
मेरी माँ कहती है मुझसे,
दिवाना हो गया है तू....
मगर इक तू ही न समझे-
कि मैं तेरा दिवाना हूँ।।
अगर तुझको भी है चाहत,
तो क्यों इनकार करती है?
तेरी आँखों से लगता है-
कि तू भी प्यार करती है।।
खुदा…
ContinueAdded by रक्षिता सिंह on February 18, 2018 at 12:00pm — 8 Comments
डर लगता है दुनिया से
और घर वालों के तानों से,
और कभी डर जाती हूँ मैं
प्यार के इन अफसानों से।।
कितनी मुश्किल आती है
और कितने ही गम सहते हैं,
लाखों कोशिश कर लें-
फिर भी तन्हा ही हम रहते हैं।।
रहता कुछ भी याद नहीं
जब याद किसी की आती है,
प्रेस से कपड़े जलते हैं-
काॅफी फीकी रह जाती है।।
माँ भी गुस्सा करती है
और बापू भी चिल्लाते हैं,
मगर किसी को इस दिल के
हालात समझ ना…
ContinueAdded by रक्षिता सिंह on February 4, 2018 at 5:00pm — 10 Comments
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