1212 1122 1212 22
हिसाब ( गजल )
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खुदा के सामने सबका हिसाब होता है
हरेक शख्स वहां बे-नकाब होता है
अगर सवाल कोई है तो पूछ ले रब से
कि उसके पास तो सबका जवाब होता है
बिछे हों राह में कांटे अगर तो डर कैसा
इन्हीं के बीच में खिलता गुलाब होता है
धरम के नाम पे मिलकर रहें तो अच्छा है
धरम…
ContinueAdded by Sachin Dev on February 4, 2016 at 1:30pm — 8 Comments
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