For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

GOPAL BAGHEL 'MADHU''s Blog – February 2011 Archive (5)

उरों के इस अंजुमन में द्वन्द ना है

 

उरों के इस अंजुमन में द्वन्द ना है 

(मधु गीति सं. १४७९, दि. २५ अक्टूवर, २०१०) 



उरों के इस अंजुमन में द्वन्द ना है, स्वरों के इस समागम में व्यंजना है; 

छंद का आनन्द उद्गम स्रोत सा है, लय विलय का सुर तरे भव भंगिमा है. 

 …

Continue

Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on February 1, 2011 at 8:56pm — 1 Comment

चिलचिलाती धूप में तुम याद आये

 

चिलचिलाती धूप में तुम याद आये 

मधु गीति सं. १५९६ , रचना दि. ३१ दिसम्वर, २०१०)

 

चिलचिलाती धूप में तुम याद आये, झिलमिलाती रोशनी में नजर आये; 

किलकिलाती दुपहरी में दिल लुभाए, तिलमिलाती…

Continue

Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on February 1, 2011 at 8:50pm — 1 Comment

मग बुहारूँ जग निहारूँ प्रीति ढालूँ

मग बुहारूँ जग निहारूँ प्रीति ढालूँ 

(मधु गीति सं. १५९७, दि. ३१ दिसम्वर, २०१०) 

 

मग बुहारूँ जग निहारूँ प्रीति ढालूँ, त्राण तरजूँ मनहि बरजूँ प्राण परसूँ; 

श्याम हैं मधु राग भरकर गीत गाये, प्रीति की भाषा लिये…

Continue

Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on February 1, 2011 at 8:46pm — 1 Comment

क्यों किलसते हो प्रलय के गीत सुनकर

क्यों किलसते हो प्रलय के गीत सुनकर 

(मधु गीति सं. १६०४, रचना दि. २ जनवरी, २०११)

 

क्यों किलसते हो प्रलय के गीत सुनकर, क्यों विलखते हो विलय का राग सुनकर; 

दया क्यों ना कर रहे  जग जीव पर तुम, हृदय क्यों ना ला रहे तुम…

Continue

Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on February 1, 2011 at 8:44pm — 3 Comments

छान्दसिक आनन्द की गति में हुलस कर

 

छान्दसिक आनन्द की गति में हुलस कर

(मधु गीति सं. १६२२, दि. ७ जनवरी, २०११)

 

छान्दसिक आनन्द की गति में हुलस कर, मिलन की अभिव्यंजना से विदेही उर;…

Continue

Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on February 1, 2011 at 8:42pm — No Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"अच्छी ग़ज़ल हुई है ऋचा जी। कुछ शेर चमकदार हैं, पर कुछ चमकने से रह गए। गिरह ठीक लगी है। /दुश्मन-ए-जाँ…"
9 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, बहुत सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें। सादर।"
15 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
18 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपकी टिप्पणी से कुछ बारीक बातें सीखने को मिली। आपकी सलाह के अनुसार ग़ज़ल…"
21 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
31 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय निलेश जी, नमस्कार। आपकी ग़ज़ल पर मैं सदा तारीफ करता रहा हूँ आज भी आपकी ग़ज़ल बहुत शानदार…"
35 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरीराज जी  बहुत बहुत धन्यवाद आपका  सादर "
45 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलक जी  बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीकी से हर बात समझाने के लिए  सुझाव बहुत बेहतर…"
46 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दया राम भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाईयाँ "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई ,  अच्छी ग़ज़ल हुई है , आ. नीलेश भाई की सलाहें भी अच्छीं हैं , ध्यान …"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service