1222 1222 122
1
हमारे वारे न्यारे हो रहे हैं
सनम को जाँ से प्यारे हो रहे हैं
2
बसा कर दिल में शोहरत की तमन्ना
फ़लक के हम सितारे हो रहे हैं
3
नवाज़ा है खुदा ने हर खुशी से
बड़े अच्छे गुज़ारे हो रहे हैं
4
गिला शिकवा नहीं है अब किसी से
सभी दिल से हमारे हो रहे हैं
5
तुम्हारी आँखों के इन मोतियों से
समंदर ख़ूूूब ख़ारे हो रहे हैं
6
भरी महफ़िल में 'निर्मल' आज कैसे
निगाहों से इशारे हो रहे…
Added by Rachna Bhatia on February 19, 2021 at 9:30pm — 12 Comments
221 2121 1221 212
1
हैं आजकल के तिफ़्ल भी यारो कमाल के
रखते नहीं हैं दिल ज़रा अपना सँभाल के
2
जाने लुग़त कहाँ से ले आए निकाल के
लिक्खे जहाँ प माइने उल्टे विसाल के
3
अपनी शराफ़तों ने ही मजबूर कर दिया
वरना जवाब देते तुम्हारे सवाल के
4
नाज़ुक ज़रूर हूँ नहीं कमज़ोर मैं मगर
अल्फ़ाज़ लाइएगा ज़ुबाँ पर सँभाल के
5
कुछ तो जनाब बोलिए इस बेयक़ीनी पर
कहिए तो हम दिखा दें दिल अपना निकाल…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on February 14, 2021 at 11:20am — 8 Comments
2122/1212/22
1
साँप बनकर जो डस रहा है मुझे
दोस्त कह कर पुकारता है मुझे
2
उसका लहज़ा बता रहा है मुझे
अब न पहले सा चाहता है मुझे
3
दिल के चैन ओ सुकून की खातिर
ख़ुद को ख़ुद में ही ढूँढना है मुझे
4
हर घड़ी जिसको दिल में रखता हूँ
वो ही अंजान कह रहा है मुझे
5
क्यों पराया हुआ मैं अपनों में
यह सवाल अब भी सालता है मुझे
6
मय-कदे से उठा वो यह कह कर
घर भी 'निर्मल' सँभालना है मुझे
मौलिक व अप्रकाशित
Added by Rachna Bhatia on February 13, 2021 at 10:46am — 12 Comments
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