For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rachna Bhatia's Blog – February 2021 Archive (3)

हमारे वारे न्यारे हो रहे हैं

1222 1222 122

1

हमारे वारे न्यारे हो रहे हैं

सनम को जाँ से प्यारे हो रहे हैं

2

बसा कर दिल में शोहरत की तमन्ना

फ़लक के हम सितारे हो रहे हैं

3

नवाज़ा है खुदा ने हर खुशी से

बड़े अच्छे गुज़ारे हो रहे हैं

4

गिला शिकवा नहीं है अब किसी से

सभी दिल से हमारे हो रहे हैं

5

तुम्हारी आँखों के इन मोतियों से

समंदर ख़ूूूब ख़ारे हो रहे हैं

6

भरी महफ़िल में 'निर्मल' आज कैसे

निगाहों से इशारे हो रहे…

Continue

Added by Rachna Bhatia on February 19, 2021 at 9:30pm — 12 Comments

ग़ज़ल- तिफ़्ल कमाल के

221 2121 1221 212      

1

हैं आजकल के तिफ़्ल भी यारो कमाल के

रखते नहीं हैं दिल ज़रा अपना सँभाल के

2

जाने लुग़त कहाँ से ले आए निकाल के

लिक्खे जहाँ प माइने उल्टे विसाल के

3

अपनी शराफ़तों ने ही मजबूर कर दिया

वरना जवाब देते तुम्हारे सवाल के

4

नाज़ुक ज़रूर हूँ नहीं कमज़ोर मैं मगर

अल्फ़ाज़ लाइएगा ज़ुबाँ पर सँभाल के

5

कुछ तो जनाब बोलिए इस बेयक़ीनी पर

कहिए तो हम दिखा दें दिल अपना निकाल…

Continue

Added by Rachna Bhatia on February 14, 2021 at 11:20am — 8 Comments

ग़ज़ल सँभालना है मुझे

2122/1212/22

1
साँप बनकर जो डस रहा है मुझे
दोस्त कह कर पुकारता है मुझे
2
उसका लहज़ा बता रहा है मुझे
अब न पहले सा चाहता है मुझे
3
दिल के चैन ओ सुकून की खातिर
ख़ुद को ख़ुद में ही ढूँढना है मुझे
4
हर घड़ी जिसको दिल में रखता हूँ
वो ही अंजान कह रहा है मुझे
5
क्यों पराया हुआ मैं अपनों में
यह सवाल अब भी सालता है मुझे
6
मय-कदे से उठा वो यह कह कर
घर भी 'निर्मल' सँभालना है मुझे

मौलिक व अप्रकाशित

Added by Rachna Bhatia on February 13, 2021 at 10:46am — 12 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"खुद ही अपनी ज़िन्दगी दुश्वार भी करते रहे दोस्तों से गैर सा व्यवहार भी करते रहे धर्म-संकट से बचाना…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल में रदीफ़, काफ़िया और बह्र की दृष्टि से प्रयास सधा हुआ है। इसे प्रशंसनीय अभ्यास माना जा…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सादर , अभिवादन आदरणीय।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
7 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"स्वागतम"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service